आपदा के जोखिम से निपटने के लिए मजबूत आपदा प्रबंधन योजना जरूरी: उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा

– एनडीआरएफ रोहतक से आए अधिकारियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक का आयोजन
– एनडीआरएफ रोहतक की टीम 22 अप्रैल से आपदा प्रबंधन के संबंध में गांवों व स्कूलों में करेगी जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला आपदा एवं प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन एवं उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा के जोखिम से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र काफी प्रभावी व सुदृढ़ होना चाहिए। सभी हितधारक, अधिकारी व विभाग, जो आपदा प्रबंधन से जुड़े हैं, को उनकी जिम्मेवारियों व कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। आपदा प्रबंधन में तकनीकी नवाचारों की जानकारी, डिजिटल उपकरण, ड्रोन, सहायक तकनीकों व कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदि के उपयोग से राहत व बचाव कार्यों को अधिक तेज व प्रभावी बनाया जा सकता है।
उपायुक्त मंगलवार को लघु सचिवालय के कांफ्रेंस हाल में एनडीआरएफ रोहतक से आए अधिकारियों व जिला आपदा प्रबंधन योजना से संंबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत बनाना, विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय स्थापित करना और आपदा प्रबंधन के नवीनतम उपायों पर विचार-विमर्श करना, आपदा से बचाव के लिए लोगों को समय-समय पर प्रशिक्षित करना, स्कूलों में बच्चों को विभिन्न प्रकार की आपदाओं से स्वयं व दूसरों को बचाने का प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है। जो विभाग जिला आपदा प्रबंधन योजना से जुड़े हैं, वे प्रबंधन तंत्र की मजबूती व उपकरण के संबंध में अपने विभाग से संबंधित उचित प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेज सकते हैं। सभी विभाग आपदा प्रबंधन प्लान के बारे में पूरी जानकारी रखें तथा अपने विभाग के संबंधित टूल रूपरेखा को अपडेट रखें। सूचना संचार तंत्र को मजबूत करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाए। जिला में जरूरी हितधारकों की सूची तैयारी रखी जाए तथा इसे जिला प्लान में भी शामिल की जाए। आपदा प्रबंधन योजनाओं में स्थानीय समुदायों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए।
उपायुक्त ने बताया कि एनडीआरएफ रोहतक की एक टीम आगामी 22 अप्रैल को जिला नूंह में आएगी और करीब 15 दिनों तक जिला में रूकेगी और आपदा प्रबंधन से संबंधित जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन गांवों व स्कूलों में करेगी, ताकि उन्हें आपदा की स्थिति से बचने व निपटने के तरीकों के बारे में जानकारी दी जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा जैसी परिस्थितियों से बचने के लिए पूर्ण जानकारी होना जरूरी है। पूर्ण जानकारी से ही जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होने से संबंधित व्यक्ति व हितधारक आपदाओं के दौरान किसी भी परिस्थिति का सामना करने में आत्मनिर्भर बन सकते हैं। इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक, एसडीएम नूंह अश्वनी कुमार, एसडीएम तावड़ू संजीव कुमार, एसडीएम फिरोजपुर झिरका लक्ष्मीनारायण, एसडीएम पुन्हाना कंवर आदित्य विक्रम, डीएसपी हरेंद्र सिंह सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।