दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम — नूंह में 53 लाख रुपए के सहायक उपकरण वितरित

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– 480 दिव्यांग लाभार्थियों को मिला आत्मनिर्भरता का सहारा
– उपायुक्त अखिल पिलानीे ने कहा, “दिव्यांगजनों के जीवन में खुशियों की रोशनी लाना हमारा दायित्व”
City24news/अनिल मोहनिया

नूंह | जिला प्रशासन नूंह के सहयोग से आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में आज जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत दिव्यांगजनों को लगभग 53 लाख रुपए मूल्य के सहायक उपकरण प्रदान किए गए।

इस अवसर पर उपायुक्त अखिल पिलानीे ने कहा कि “दिव्यांगजनों को सशक्त, स्वावलम्बी एवं समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। सामाजिक संस्थाओं और कॉरपोरेट संगठनों का सहयोग इस दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।”

कार्यक्रम में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से पहुंचे कुल 480 दिव्यांग लाभार्थियों को आधुनिक सहायक उपकरण वितरित किए गए। इनमें व्हील चेयर, श्रवण बाधितों के लिए डिजिटल कान की मशीन, दृष्टिबाधितों के लिए विशेष उपकरण, वॉकर, छड़ी, कमोड चेयर, फुट किट, एलएस बेल्ट, ट्राइपॉड टेट्रापॉड, चश्मे सहित अनेक आवश्यक उपकरण शामिल थे।

उपायुक्त ने कहा कि इन उपकरणों के माध्यम से दिव्यांगजनों को न केवल शारीरिक सहायता मिलेगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे शिविर समाज में समान अवसर और समावेशिता की भावना को मजबूत करते हैं।

उपायुक्त अखिल पिलानीे ने जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि कॉरपोरेट जगत यदि अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को इसी प्रकार निभाता रहा तो समाज के कमजोर वर्गों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन संभव है।

उन्होंने कहा, “सीएसआर के अंतर्गत किए जा रहे ये जनकल्याणकारी कार्य समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। इससे न केवल दिव्यांगजन सशक्त बनेंगे बल्कि समाज में सहानुभूति और सहयोग की भावना भी बढ़ेगी।”

कार्यक्रम में दिव्यांगजनों को उपकरणों में 145 व्हील चेयर, 298 बी.टी.ई. (कान की मशीन), 18 सर्वाइकल कॉलर, 229 चेयर कमोड, 293 छड़ी, 4 वैशाखी, 21 वॉकर, 262 फुट किट, 902 नी ब्रेस, 463 एलएस बेल्ट,ज्ञ152 ट्राइपॉड/टेट्रापॉड, 100 सिलिकॉन फोम कुशन, 365 चश्मे वितरित किए गए।

 उपायुक्त अखिल पिलानीे ने कहा कि दिव्यांगजन किसी भी दृष्टि से समाज के बोझ नहीं, बल्कि उसकी ताकत हैं। यदि उन्हें उचित संसाधन, अवसर और प्रशिक्षण दिया जाए तो वे हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक और सहायक उपकरणों की मदद से अब दिव्यांगजन अपने दैनिक जीवन को अधिक सहज और आत्मनिर्भर बना पा रहे हैं। सरकार की नीतियों और योजनाओं का उद्देश्य यही है कि किसी भी व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक बाधा उसकी प्रगति में रुकावट न बने।

उपायुक्त ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही हैं, जिनमें दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, रोजगार प्रशिक्षण, विशेष शिक्षा योजनाएं और नि:शुल्क उपकरण वितरण कार्यक्रम शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को चाहिए कि वह ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आए ताकि हर दिव्यांग व्यक्ति आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जी सके।

उपायुक्त ने कहा कि समाज के जरूरतमंद वर्गों तक राहत और सहयोग पहुंचाना रेड क्रॉस का प्रमुख उद्देश्य है।

सीएसआर कार्यक्रम के तहत इस बार बड़ी संख्या में दिव्यांगजन लाभान्वित हुए हैं, और आगे भी ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाता रहेगा।

उपायुक्त ने कहा कि “समावेशी विकास तभी संभव है जब समाज के सभी वर्ग समान अवसरों के साथ आगे बढ़ें। दिव्यांगजनों को मुख्यधारा से जोड़ना सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी है।”

उन्होंने कहा कि यह सहायक उपकरण वितरण समारोह केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि “समावेशी विकास” की दिशा में एक ठोस कदम साबित हुआ। इससे न केवल दिव्यांगजन सशक्त होंगे, बल्कि समाज में उनके प्रति सम्मान और संवेदना की भावना भी प्रबल होगी।

सरकार, कॉरपोरेट जगत और समाज के संयुक्त प्रयासों से निश्चय ही वह दिन दूर नहीं जब हर दिव्यांगजन आत्मनिर्भर और सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान देगा।

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