भूमि अधिग्रहण मुआवजे की मांग को लेकर आईएमटी रोजकामेव में धरने पर बैठे 9 गांवों के किसान

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह जिले में पिछले एक साल से भूमि अधिग्रहण मुआवजे की मांग को लेकर आईएमटी रोजकामेव में धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने सोमवार को महापंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद सहित कई किसान संगठनों ने भाग लिया। महापंचायत में किसानों ने जिला प्रशासन और एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों से बातचीत हुई। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने किसानों की मुख्यमंत्री के साथ बैठक कराने का आश्ववन दिया। किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि करीब 13 महीने से धीरधुका गांव में भूमि मुआवजे को लेकर धरना चल रहा है। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने अनेकों आश्वासन दिए। जिसमें यह भी कहा गया कि वह मुख्यमंत्री से उनकी बैठक कराएंगे और समस्या का समाधान हो जाएगा। लेकिन उनकी कोई बैठक नहीं कराई गई है। पिछले 11 मार्च को आईएमटी रोजकामेव में काम रुकवाने के मामले में पुलिस ने 107 किसानों को हिरासत में लिया था। जिसमें 54 महिलाएं शामिल थी। उसी को लेकर सोमवार को एक बड़ी महापंचायत आयोजित की गई है। जिसमें प्रदेश के कई जिलों में किसान संगठनों ने भाग लिया है। इस दौरान प्रशासन के बीच उनकी बात हुई कि वह ईद के बाद मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात करा देंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन को 6 अप्रैल तक का समय दिया है। अगर उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से नहीं हुई तो वह 7 अप्रैल को काम रोको महापंचायत करेंगे। जिसमें न केवल प्रदेश बल्कि देश के भी किसान संगठन भाग लेगे। यह महापंचायत किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में होगी। उन्होंने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में प्रशासन द्वारा किसानों को हिरासत में लेने का काम किया गया था। अगर प्रशासन ने किसानों के साथ इस तरह का व्यवहार किया तो आज देश का आंदोलन बन जाएगा। रवि आजाद ने नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद पर तंज करते हुए कहा कि यह बीज आफताब अहमद का बोया हुआ है। अब वह विधानसभा में किसानों की आवाज उठाकर यह साबित करना चाहते है कि वह किसानों के साथ है ,लेकिन किसान उनकी राजनीति जान चुके है।
25 फरवरी 2024 से धरने पर बैठे हुए है किसान
आईएमटी रोजकामेव में भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर 25 फरवरी 2024 से किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। कई बार एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे, लेकिन किसानों ने 1 साल से कोई काम नहीं होने दिया। इस दौरान प्रशासन के साथ किसानों की कुछ बातें भी हुई, लेकिन उन बातों से कोई समाधान नहीं निकला। बीते 11 मार्च को जब एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे तो किसानों ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर कार्य को रुकवाने लगे ,लेकिन मौके पर तैनात भारी पुलिस बल ने किसानों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें 54 महिलाएं और 53 पुरुष किसान शामिल थे।
2010 में हुई थी किसानों की भूमि अधिग्रहण
आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था,लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ दो करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को दो करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं। इसी के चलते किसान धीरदूका गांव में 29 फरवरी 2024 से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।