कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर हुई साहित्य गोष्ठी
City24news/निकिता माधौगढ़िया
रेवाड़ी। सांस्कृतिक साहित्यक मंच रेवाड़ी के तत्वाधान में महान साहित्यकार, कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचन्द की जयंती पर वर्तमान समय में मुंशी प्रेमचन्द के साहित्य के महत्व नामक विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन बाल भवन में किया । गोष्ठी के आरंभ में आजादी आंदोलन के महान वीर शहीद उद्यम सिंह एवं मुंशी प्रेमचन्द को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने काफी संख्या में इस गोष्ठी में हिस्सा लिया जिसमे मुख्य रूप से रघुवीर सांभरिया, रमेश, कैलाश चंद, मांगे राम, कृष्ण कुमार, सुरेंद्र कुमार, सत्यवान, कॉमरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट, इंदु देवी, सत्यवान, रामोतार, कृष्णा देवी, रणबीर, अजय, पवन, साधुराम व अमित अधिवक्ता ने हिस्सा लिया। वक्ताओं ने कहा कि मुंशी प्रेमचन्द ने अपनी कहानियों के माध्यम से जैसे ठाकुर का कुंवा, पुश की रात, सवा शेर गेहूं, कफ़न, सामंती शोषण , जातीय कट्टरता, अमानवीय व्यवहार पर चोट मारी है। पंच परमेश्वर कहानी में निर्वक्तिक चरित्र को उजागर किया है।निर्मला उपन्यास करुणा दया भाव से सराबोर है।मुंशी प्रेमचन्द का साहित्य यथार्थ पर आधारित है। महाजनी व गोदान के माध्यम से पूजीवादी व्यवस्था के घिनौने चरित्र को उजागर किया है।
सांस्कृतिक साहित्यक मंच के संयोजक मनोज यादव रिटायर्ड ईओ, बसंत कुमार प्राचार्य, मुख्याध्यापक हरिओम ने बताया कि सांस्कृतिक साहित्यक मंच के तत्वाधान में इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में आयोजित किए जायेगे ताकि समाज से लुप्त होती मानवीय स्वेदना, मूल्य बोध को जिंदा किया जा सके। सामाजिक सोच पैदा हो और प्रगतिशील साहित्य से उच्च रुचि बोध पैदा किया जा सके।