केंद्रीय विद्यालय की स्थापना को लेकर इंड़री में हुई महापंचायत

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह जिले के इंड़री खंड़ में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की मांग को लेकर रविवार को एक विशाल पंचायत का आयोजन इंड़री गांव स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में किया गया। इस पंचायत में इंड़री खंड़ के अलावा मिंड़कोला, मढ़नाका समेत आसपास के करीब 50 गांवों के सरपंचों, पूर्व जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। पंचायत की अध्यक्षता सेवानिवृत बैंककर्मी आशाराम शर्मा मैलावास ने की, जबकि संचालन सामाजिक कार्यकर्ता योगेश शर्मा ने किया।

पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि इंड़री खंड़ लंबे समय से विकास की मुख्यधारा से कटता जा रहा है। जिले के गठन के बाद से अब तक जितनी भी विकास योजनाएं बनीं, उनमें इंड़री क्षेत्र की हमेशा उपेक्षा की गई। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन और सरकारें इंड़री को मानो मेवात जिले का हिस्सा मानने को तैयार ही नहीं हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क या उद्योग—हर क्षेत्र में इंड़री को नजरअंदाज किया गया है।

पंचायत में लोगों ने पुरानी घटनाओं को याद करते हुए कहा कि फरवरी 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इंड़री में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था। लोगों ने इस योजना से क्षेत्र में विकास की उम्मीदें जोड़ी थीं, लेकिन बाद में राजनीतिक दबाव और एक समुदाय विशेष के विरोध के चलते मेडिकल कॉलेज को इंड़री से हटाकर नल्हड़ में बना दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि यह फैसला इंड़री खंड़ के लोगों के साथ बहुत बड़ी अन्यायपूर्ण घटना थी, जिसका दर्द आज भी यहां के लोगों के दिलों में ताजा है।

लोगों ने कहा कि इंड़री ग्राम पंचायत ने जिले में अर्द्धसैनिक बलों के कैंप के लिए लगभग 150 एकड़ भूमि सरकार को दी थी। लेकिन यह भूमि देने के बाद भी सरकार ने इस क्षेत्र को किसी भी प्रमुख शैक्षणिक या विकास परियोजना में शामिल नहीं किया। पंचायत में लोगों ने सवाल उठाया कि क्या यह क्षेत्र केवल अर्द्धसैनिक बलों के कैंप के लिए ही है, या सरकार यहां शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं पर भी ध्यान देगी?

वक्ताओं ने कहा कि अब सरकार को चाहिए कि वह इंड़री के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए यहां केंद्रीय विद्यालय स्थापित करे। इससे न केवल क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि पिछड़े क्षेत्र के विकास को भी नया आयाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज छिन जाने का जो दर्द लोगों ने सहा है, उस पर मरहम लगाने का काम सरकार केंद्रीय विद्यालय बनवाकर कर सकती है।

पंचायत में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया कि इंड़री खंड़ में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए एकजुट होकर संघर्ष किया जाएगा। निर्णय लिया गया कि बुधवार को पंचायत प्रतिनिधियों का एक दल उपायुक्त नूंह के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा। इसके बाद संघर्ष की रूपरेखा तय कर आंदोलन की दिशा निर्धारित की जाएगी।

पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में केंद्र और प्रदेश दोनों जगह भाजपा की सरकार है, और जिले में भाजपा को सबसे अधिक वोट इंड़री क्षेत्र से ही मिलते हैं। बावजूद इसके, भाजपा सरकार ने अब तक इस क्षेत्र के साथ कोई ठोस विकासात्मक कार्य नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अब अगर सरकार ने इंड़री के साथ अन्याय जारी रखा, तो जनता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।

पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि इंड़री क्षेत्र के लोग किसी भी सूरत में अब अपनी अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि केंद्रीय विद्यालय की मांग पूरी नहीं हुई, तो आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा। पंचायत में मौजूद सभी प्रतिनिधियों ने हाथ उठाकर संघर्ष में साथ देने का संकल्प लिया।

इस दौरान पंचायत स्थल पर “इंड़री को न्याय दो”, “केंद्रीय विद्यालय इंड़री में बनाओ” और “विकास में समान भागीदारी दो” जैसे नारे गूंजते रहे। ग्रामीणों ने कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि क्षेत्र के विकास और बच्चों के भविष्य के लिए है। पंचायत शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई, लेकिन लोगों की भावनाएं स्पष्ट रूप से आक्रोश और उपेक्षा के दर्द से भरी हुई थीं।

इस मौके पर दीपा सरपंच, देवीसिंह प्रधान, नत्थूराम गुर्जर, कृष्ण दायमा, योगेश शर्मा, ओमबीर शर्मा, बीरेंद्र चेयरमैन, परवीन चेयरमैन, देशराज पंवार, संतलाल सरपंच, बीरपाल कालियाका, हरबीर पंवार, एडवाकेट जगदेव, सुंदरलाल शास्त्री, गंगादान डागर, जगदेव सरपंच, शीशपाल मढ़नाका, मुकेश मंडकोला, योगेश डागर, बिहारी देशवाल, समय सरपंच किरा, रामकिशन भगत, ओमप्रकाश सरपंच मैलावास समेत सैंकड़ों लोग मौजूद थे।

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