खंड इंडरी में श्रावण मास की अमावस्या पर छपेड़ा गांव में हवन किया गया। 

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिसमें आचार्य राजेश ने कहा हवन के तीन अर्थ होते हैं देवपूजा, संगतिकरण और दान। माता-पिता गुरु अतिथि और परमात्मा पांच देवताओं की आज्ञाओं का पालन करना, सेवा सत्कार करना ही उनकी पूजा हैं। आचार्य राजेश ने कहा कि मैं कौन हूं मैं कहां से आया हूं मेरे जीवन का क्या उद्देश्य हैं मेरा पूर्वजन्म क्या है परजन्म क्या है व्यक्ति अपने वास्तविक उद्देश्य से भटक गया है। आचार्य राजेश ने कहा जीवन में हमें अपने संस्कार और आदर्श समाज में स्थापित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म अनेक जन्मों के बाद मिलता हैं। हमें अपना जीवन व्यर्थ में नहीं गंवाना चाहिए।हुकम सिंह, बती,ब्रजकिशोर ,श्याम सुंदर, हेमलता ,सुमन ,आरती, मयंक,गगन ,मोहित ,रितिका , पृषा,मीना देवी, दयाचंद, मुन्नी देवी, दिनेश, अनीता, नेमपाल, नीशू, नवीन, रवि काजल, गुड्डी, रोशन, बुद्धराम, रमेश सरपंचआदि

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