प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को लेकर जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत जिले में चयनित ग्राम पंचायतों में प्रस्तावित एवं क्रियान्वित विकास कार्यों की समीक्षा को लेकर शुक्रवार को जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त अखिल पिलानी ने की। बैठक में योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 तथा 2022-23 में स्वीकृत एवं प्रस्तावित कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास सुनिश्चित करना तथा सामाजिक व आर्थिक असमानताओं को दूर करना है। योजना के तहत गांवों में सड़क, नाला निर्माण, पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, सामुदायिक भवन, श्मशान घाट, आंगनवाड़ी एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि वर्ष 2019-20 के दौरान जिला नूंह में फिरोजपुर झिरका खंड की ग्राम पंचायत पाटन उदयपुरी एवं पाड़ा को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत चयनित किया गया था। इन दोनों ग्राम पंचायतों में कुल 19 विकास कार्यों की डीपीआर तैयार की गई थी, जिनमें से 13 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष कार्यों में से कुछ को अव्यवहारिक पाया गया है, जबकि कुछ कार्य प्रारंभ होने की प्रक्रिया में हैं। दोनों ग्राम पंचायतों को योजना के अंतर्गत प्रति पंचायत 10 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई थी, जिसका उपयोग प्रमाण पत्र विभाग को भेज दिया गया है।
बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि वर्ष 2022-23 के लिए सरकार द्वारा जिले की चार ग्राम पंचायतों का चयन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत किया गया है। इन ग्राम पंचायतों का चयन वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर किया गया है, जिसमें 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले गांवों को प्राथमिकता दी गई है। चयनित ग्राम पंचायतों में आटा (खंड इंडरी), सुंध (खंड तावड़ू), गोजाका (खंड तावड़ू) तथा मांडरका (खंड तावड़ू) शामिल हैं।
बैठक में संबंधित विभागों द्वारा इन ग्राम पंचायतों में प्रस्तावित विकास कार्यों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। प्रस्तावों में ठोस कचरा प्रबंधन शेड की मरम्मत, नालों का निर्माण, स्कूल भवनों में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण, गांवों के अंदर पक्की सड़कें, फिरनी एवं श्मशान घाट तक रास्तों का निर्माण, पेयजल सुविधा, आंगनवाड़ी भवन, बोरवेल, चौपाल एवं सामुदायिक स्थलों का विकास शामिल है। इन कार्यों को पंचायत फंड, मनरेगा, एचआरडीएफ, पीएमएजीवाई तथा अन्य योजनाओं के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव रखा गया है।
उपायुक्त अखिल पिलानी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत प्रस्तावित सभी कार्यों की डीपीआर तकनीकी मानकों एवं योजना दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि स्वीकृति के पश्चात कार्यों को तय समय सीमा में पूरा किया जाए, ताकि योजना का लाभ वास्तविक पात्र लाभार्थियों तक पहुंच सके। उन्होंने गुणवत्ता से कोई समझौता न करने तथा कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में समग्र विकास को बढ़ावा देना है। योजना के माध्यम से गांवों में आधारभूत ढांचे को मजबूत कर ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार लाया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने का आह्वान किया, ताकि योजना के लक्ष्यों को समय पर प्राप्त किया जा सके।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी प्रस्तावित विकास कार्यों को वीडीओपी के अनुरूप जिला स्तरीय समिति के समक्ष स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
इस अवसर सीईओ जिला परिषद एवं अतिरिक्त उपायुक्त दलबीर सिंह फौगाट, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सगीर अहमद, कार्यकारी अभियंता पंचायती विभाग योगेश शर्मा, उप सिविल सर्जन डॉ विशाल सिंगला सहित अधिकारी मौजूद रहे।
