नागरिकों को एक सूत्र में बांधता है संविधान – प्रो. टंकेश्वर कुमार

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  • 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर हकेवि में कार्यक्रम आयोजित
  • कुलपति ने शिक्षकों, विद्यार्थिर्यों व कर्मचारियों को किया सम्बोधित 

सिटी 24 न्यूज़/ अशोक कौशिक 
नारनौल।‌ भारत का 75वां गणतंत्र दिवस हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड तीन स्थित विद्या वीरता स्थल पर वीर सैनिकों को नमन किया। इसके पश्चात प्रशासनिक खंड स्थित उद्यान में कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने ध्वज फहराया। इस अवसर पर  उन्होंने शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। कुलपति ने इस अवसर पर देश की सीमा पर तैनात वीर सैनिकों के त्याग, बलिदान व शौर्य को भी नमन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव, समकुलपति प्रो. सुषमा यादव, कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही। 

प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि गणतंत्र दिवस सभी भारतीयों के लिए गौरव का दिन है। इस दिन हमें अपना संविधान मिला, जो हमें यह बताता है कि हमारे देश को कैसे चलाना चाहिए। यह संविधान ही है जो भारत के नागरिकों को एक सूत्र में बांधे रखता है। संविधान ही वह दस्तावेज है जो देश के नागरिकों के अधिकार और कर्त्तव्यों के बारे में बताता है। आज के दिन हम उन बहादुर लोगों के बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और भारत को एक गणतंत्र बनाने में योगदान किया। कुलपति ने कहा कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत की अध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत को दुनिया में नई पहचान मिल रही है और हमारा यह नैतिक कर्त्तव्य है कि हम अपने गौरवशाली इतिहास व संस्कृति से अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी अवगत कराएं। कुलपति ने देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने वाले महात्मा गाँधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, जवाहर लाल नेहरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को याद किया। उन्होंने इस अवसर पर सभी को संकल्प कराया कि हम सब मिलकर सशक्त, आत्मनिर्भर विकसित भारत का निर्माण करेंगे। सभी नागरिकों को संविधान के प्रति सजग करेंगे और सबको समान रूप से जीने का अवसर प्रदान करेंगे। अमृतकाल की परिकल्पना को साकार करने में योगदान देंगे।  

विश्वविद्यालय की प्रगति का जिक्र करते हुए कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आवश्यक प्रयासों में विश्वविद्यालय ने इस साल में शोध, नवाचार, अध्ययन-अध्यापन के एक उत्कृष्ट केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में नए अतिथि गृह का संचालन शुरु हो चुका है और पुस्तकालय एवं जिले में अपनी तरह का सबसे बड़े सभागार के नए भवन के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के तीन विभागों भौतिकी, गणित व पर्यावरण अध्ययन को प्रतिष्ठित डीएसटी-एफआईएसटी ग्रांट प्राप्त हुई है। इसी के साथ-साथ विश्वविद्यालय में संचार मंत्रालय के अंतर्ग 5जी यूज केस लैब और यूजीसी के सहयोग से ईवी व मैट्रो लैब स्थापित होने जा रही है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने सामाजिक सरोकारों का भी उल्लेख किया। 

कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय कुलपति ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए देश के सैनिकों, किसानों व बुद्धिजीवियों के प्रयासों की सराहना की और सभी को मिलकर भारत की प्रगति में योगदान के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के मंच का संचालन डॉ. रेनु यादव ने किया। आयोजन में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने विभिन्न देशभक्ति प्रस्तुतियां दीं। इनमें डॉ. पूजा यादव, डॉ. नीरज कर्ण सिंह, शंकर शर्मा, आयान, भाग्यश्री, सपना, पार्थ, कुशांश, हिमांशी, वैष्णवी व गार्गी की प्रस्तुतियां प्रमुख रहीं। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। 

इस अवसर पर प्रो. संजीव कुमार, प्रो. पवन कुमार मौर्य, प्रो. राजीव कौशिक, डॉ. संतोष सीएच, प्रो. विकास गर्ग, प्रो. फूल सिंह, प्रो. सुरेंद्र सिंह, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. प्रदीप सिंह सहित विभिन्न पीठों के अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों, शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

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