नांगल चौधरी में धूमधाम से मनाया गणतंत्र दिवस समारोह
- एसडीएम मनोज कुमार ने फहराया फहराया ध्वज
- स्कूली बच्चों ने किए सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश
सिटी 24 न्यूज़/ अशोक कौशिक
नारनौल। उप मंडल स्तर पर आज नांगल चौधरी में 75वां गणतंत्र दिवस समारोह गरिमामयी व धूमधाम से मनाया। बैजनाथ चौधरी महिला महाविद्यालय नांगल चौधरी में आयोजित उप मंडल स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में एसडीएम मनोज कुमार ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके साथ ही उन्होंने परेड का निरीक्षण किया तथा मार्च पास्ट की सलामी ली। समारोह को भव्य रूप देने के लिए स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। बच्चों ने पीटी प्रदर्शन किया।
एसडीएम मनोज कुमार ने गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर मैं आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां पर उपस्थित सभी स्वतंत्रता सेनानियों का स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। आज मैं स्वतंत्रता संग्राम केे अमर सेनानियों को भी नमन करता हूं, जिनके अमर बलिदानों से हमें गणतंत्र दिवस मनाने का यह गौरवशाली अवसर प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 75 वर्ष पहले हमारा संविधान लागू हुआ था। आज का यह ऐतिहासिक दिन देशवासियों को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने के लिए साहस और प्रेरणा देता है। यह दिन हमें भारत गणराज्य की स्थापना की याद दिलाता है। इस दिन हम उन महापुरुषों को भी याद करते हैं, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलवाने और भारतीय संविधान को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी बदौलत ही भारत आज एक गणराज्य देश कहलाता है।
महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल और लाल बहादुर शास्त्री, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरूषों और स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत में ‘‘पूर्ण स्वराज‘‘ के लिए लम्बे समय तक संघर्ष किया है। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां किसी की गुलाम बनकर न रहे और स्वतंत्र रूप से अपने अधिकारों का निर्वहन कर सके।
उन्होंने कहा कि सदियों की प्रतीक्षा और सदियों का अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु श्री राम का मंदिर अयोध्या में स्थापित हुआ है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों के फलस्वरूप 22 जनवरी, 2024 का सूरज देश में एक अद्भुत आभा लेकर आया है। इस दिन अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से देशवासियों को सदियों के धैर्य की धरोहर के रूप में श्रीराम का मंदिर मिला है। राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा दिखाई है। हम सब उन अनगिनत रामभक्तों के, उन अनगिनत कारसेवकों के और उन अनगिनत संत महात्माओं के भी ऋणी हैं। देश की प्रगति के इस सफर में हरियाणा का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
मुख्य अतिथि ने कहा कि हरियाणा ने भी प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास को नए आयाम प्रदान किए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेलों में हमने नई ऊंचाइयों को छूआ है। हमारी कितनी ही नीतियों और योजनाओं का देश के दूसरे राज्य अनुसरण कर रहे हैं।
आज भी हरियाणा के नौजवान सेना में भर्ती होना अपनी शान समझते हैं। यही कारण है कि आज भारतीय सेना का हर दसवां जवान हरियाणा प्रदेश से है। हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके परिजनों की देखभाल करके उनके प्रति सम्मान अवश्य जता सकते हैं। इस दिशा में हमने ‘सैनिक व अर्ध-सैनिक कल्याण विभाग‘ का गठन किया है। मैं देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने युद्ध के दौरान शहीद हुए हरियाणा के सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों के जवानों की अनुग्रह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी है। इसी प्रकार, आईईडी बलास्ट में शहीद होने पर भी अनुग्रह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई है। अब तक शहीदों के 367 आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी भी प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि‘सुशासन से सेवा’ के संकल्प के साथ जनसेवा का दायित्व संभालने वाली वर्तमान सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ और ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ के मूलमंत्र पर चलते हुए समस्त हरियाणा और प्रत्येक हरियाणवी की तरक्की और उत्थान के लिए निरंतर कार्य किया है। वर्ष 2024 को ’संकल्प से परिणाम’ वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
गीता के कर्म के संदेश की इस पावन हरि की भूमि के इतिहास में धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा का कोई स्थान नहीं रहा है। इसी के अनुरूप हम प्रदेश में प्रेम, प्यार और भाईचारे की बयार बहाने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के दर्शन के अनुरूप प्रदेश के सभी परिवारों का पहचान पत्र बनाया, जिससे पात्र परिवारों को घर बैठे ही सरकारी योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित किया गया। जनता और सरकार का संपर्क सीधा है। हमने प्रशासन में मानव हस्तक्षेप को न्यूनतम करने के लिए आईटी का बड़े पैमाने पर सफल प्रयोग किया है। आज हर सरकारी योजना के पारदर्शी तरीके से लागू किए जाने से घर बैठे गरीब की बेटी की शादी का शगुन, बुजुर्ग, विधवा व दिव्यांगों की पेंशन, बीपीएल कार्ड, चिरायु कार्ड का लाभ, किसानों को उनकी फसल का भुगतान कम्प्यूटर की एक क्लिक से सीधे पात्र के खाते में जाता है। हमने सरकारी कर्मचारियों के लिए चिकित्सा सुविधा में कैशलेस प्रणाली को भी लागू किया है।
उन्होंने कहा कि गरीबों के सिर पर छत उपलब्ध करवाने के लिए ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत 36 हजार से अधिक मकान बनाए गए हैं, जबकि 16 हजार मकान बनाए जा रहे हैं। हर गरीब को राशन मिलने में परेशानी न हो और कोई उसका हक न मार सके, इसके लिए राशन वितरण व्यवस्था को तकनीक के माध्यम से पारदर्शी बनाया है। अब कोई भी व्यक्ति फर्जी तरीके से राशन प्राप्त नहीं कर सकता। गरीबों का अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का सपना साकार करने के लिए ‘चिराग योजना’ चलाई गई है। यही नहीं, कौशल रोजगार निगम के माध्यम से कर्मचारियों की भर्ती में भी गरीब परिवारों के युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार ने कृषि, उद्योग, व्यापार, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि हर क्षेत्र में भी ई-गवर्नेंस के माध्यम से क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। जिस प्रकार, परिवार पहचान पत्र के डेटा से विभिन्न योजनाओं का लाभ लोगों को घर बैठे ही मिल रहा है, उसी प्रकार, कृषि क्षेत्र में ’मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल बनाकर किसान कल्याण की अनेक योजनाओं को इससे जोडा गया है।
उन्होंने कहा कि फसल बिक्री की राशि, खराबे का मुआवजा, भावांतर भरपाई की राशि, मेरा पानी-मेरी विरासत, धान की सीधे ही बिजाई की प्रोत्साहन राशि आदि इस पोर्टल के माध्यम से सीधे ही किसान के खाते में जमा की जाती है।