हकेवि ने वाल्मीकि रामायण पर मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम शुरू किया

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प्रत्येक सेमेस्टर में दो-क्रेडिट क्वालिफाइंग पाठ्यक्रम होगा उपलब्ध

city24news@अशोक कुमार कौशिक
नारनौल।‌ हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ ने वाल्मीकि रामायण पर दो-क्रेडिट मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम शुरू किया है। स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर विद्यार्थियों में रामायण और इसके महत्व की समझ विकसित करने के लिए सामान्य मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम विषम और सम सेमेस्टर में पेश किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने भौतिकी और खगोल भौतिकी विभाग द्वारा संचालित किए जाने वाले पाठ्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ‘वाल्मीकि रामायण में वैज्ञानिक साक्ष्य‘ नामक पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा की समृद्धि और प्रासंगिकता के विषय में उन्मुख करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को वाल्मीकि रामायण में विभिन्न वैज्ञानिक साक्ष्यों के बारे में संवेदनशील बनाना, और उन्हें विज्ञान, मानविकी और अन्य विषयों के विद्यार्थियों के लिए भी समान रूप से महत्वपूर्ण संदर्भ स्रोत के रूप में शास्त्रीय पाठ से आधुनिक संदर्भ में अवगत कराना है। दो-क्रेडिट का यह पाठ्यक्रम क्वालिफाइंग प्रकृति का होगा। खगोलीय संदर्भ युक्त सामग्री; सांस्कृतिक कलाकृतियों, हथियारों और प्रथाओं का वैज्ञानिक पैटर्न; पारिस्थितिक स्रोतों की वैज्ञानिक प्रासंगिकता; राम सेतु से जुड़े भौगोलिक और वैज्ञानिक साक्ष्य; और इसी तरह के अन्य संदर्भ वर्तमान संदर्भ में रामायण की उपयोगिता स्थापित करना इस पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं। कुलपति ने कहा कि यह पाठ्यक्रम निश्चित रूप से वैज्ञानिक प्रमाणों में निहित पारंपरिक भारतीय ज्ञान के प्रसार में अभूतपूर्व साबित होगा।

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