रैली की सफलता की तैयारियों को लेकर जिला कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया

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मिड डे मील वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर 11जनवरी को करनाल में करेंगी आक्रोश रैली

city24news@रोबिन माथुर 
हथीन | प्रदेश की हजारों मिड डे मील वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर 11जनवरी को करनाल में आक्रोश रैली करेंगी। जिसमें पलवल जिले की मिड डे मील वर्कर्स भी बड़ी संख्या में भाग लेंगी। रैली की सफलता की तैयारियों को लेकर आज यहां यूनियन की जिला प्रधान संतोष की अध्यक्षता में जिला कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया।बैठक में सीआईटीयू की नेता उर्मिला रावत व रामरति चौहान तथा रमेशचन्द विशेष रूप से उपस्थित रहे। मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की जिला कमेटी की बैठक को सम्बोधित करते हुए सीआईटीयू की नेता उर्मिला रावत व रामरति चौहान जिला प्रधान संतोष ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र व राज्य सरकार मेहनत करके खाने वाले लोगों के ऊपर जनविरोधी व मजदूर विरोधी नीतियां लागू करके लगातार हमला बोल रही है। मिड डे मील वर्कर्स कम वेतन व बेतहाशा बढ़ रही महंगाई के चलते आर्थिक बदहाली झेल रही हैं। जब से मिड डे मील के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है तभी से स्कूलों में इनके ऊपर तरह तरह के बेगार के कार्य थोपे जा रहे हैं जबकि मिड डे मील का काम केवल खाना बनाना व उसे परोसना है। मिड डे मील वर्कर्स 12 महीने काम करती हैं जबकि सरकार की तरफ से उन्हें 10 महीने का मानदेय दिया जाता है।सरकार महिला सशक्तिकरण का झूठा ढोल पीट रही है लेकिन सबसे ज्यादा शोषण भी महिलाओं का ही किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के नाम पर सरकारी स्कूली व्यवस्था को ख़त्म किया जा रहा है। पिछले 5 वर्षों में स्कूल मर्जर के नाम पर लगभग 5 हजार सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं। जिसके कारण लगभग 10 हजार मिड डे मील वर्कर्स का रोजगार छिन गया है। जबकि हरियाणा अध्यापक संघ द्वारा नई शिक्षा नीति का लगातार विरोध किया जा रहा है। सरकार की नई शिक्षा नीति अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली है और गैर वैज्ञानिक सोच को पैदा करती है।भाजपा सरकार का पूरा षड्यंत्र है कि गरीबों के बच्चों को शिक्षा से दूर रखा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 29 हजार मिड डे मिल वर्कर काम कर रही हैं तथा स्कूल में बच्चों को पौस्टिक आहार दे रही हैं लेकिन मिड डे मील वर्करों को 6-6 महीने तक मानदेय नहीं दिया जाता है। शिक्षा विभाग के अधिकरियों से बातचीत करने पर बजट ना मिलने का हवाला दिया जाता है।अपनी मांगों को लेकर प्रदेश की हजारों मिड डे मिल वर्कर 11 जनवरी को करनाल में मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करेंगी।
जिला कमेटी की बैठक में यूनियन की जिला सचिव ऊषा व जयाबती, आशा सीहा, धर्मबती पेलक, सविता, सीमा पिंगोर, मोहनदेई, राजबती बाता व मछला कुशलीपुर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
मिड डे मील वर्कर्स की मुख्य मांगे:-
1. मिड डे मिल वर्करों के बकाया मानदेय का भुगतान तुरंत प्रभाव से किया जाए तथा प्रदेश की मिड डे मील को 10 महीने की बजाय 12 महीने का मानदेय दिया जाए व न्यूनतम वेतन 24 हजार रु दिया जाए।
2. स्कूलों को मर्ज करने और उन्हें बंद करने का कदम वापस लिया जाए तथा मर्जर के चलते नौकरी से हटाई गई मिड डे मील को काम पर वापस लिया जाए।
3. मिड डे मील वर्कर्स की रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए और रिटायरमेंट पर 2 लाख रुपए ग्रेच्यटी के दिए जाएं।
4. स्कूलों में मिड डे मील वर्कर्स से बेगार के काम ना कराए जाएं तथा बच्चों के खाना खाने के बाद किसी भी मिड डे मील कुक पर  स्कूल में रुकने का दबाव ना बनाया जाए।
5. स्कूलों में स्वयं सहायता समूह बंद हो।इसके लिए किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए।
6. वर्दी भत्ता कम से कम ₹2000 सालाना किया जाए तथा बकाया वर्दी भत्ते का भुगतान किया जाए।
7. मिड डे मील वर्कर्स का मेडिकल साल में एक बार ही कराया जाए।
8. सभी मिड डे मील कुक को पक्का कर्मचारी घोषित करते हुए  उन्हें ईएसआई व पीएफ में कवर किया जाए।

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