केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया डॉ. अर्चना की काव्य हस्ताक्षर का विमोचन
city24news@ब्यूरो
फरीदाबाद | डॉक्टर अर्चना भाटिया की पुस्तक ‘हस्ताक्षर’ का विमोचन कानून एवं न्याय मंत्री तथा केन्द्रीय संस्कृति एवम संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के कर कमलों द्वारा हुआ | इस काव्य संकलन का प्रकाशन किताब महल, दिल्ली के द्वारा किया गया है। इसमें लगभग साठ कविताएं हैं। ये कविताएं नारी वर्ग के प्रति प्रेम और नारी को अभिप्रेरणा देने से संबंधित हैं। कविताओं में सकारात्मक सोच के साथ जीवन जीने की अनूठी शैली है जो एक आम व्यक्ति के हृदय को भी कहीं ना कहीं छूती है।
डॉ अर्चना भाटिया डीएवी शताब्दी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर और वाणिज्य विभागाध्यक्षा हैं। वह मानती है कि साहित्यकार वह होता है जो कविताओं के माध्यम से अपने पाठकों और श्रोताओं को एक नई दिशा प्रदान कर सके और उन्हें दुबारा जीवन जीने का होसला और उम्मीद दिला सके। डॉ अर्चना भाटिया बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। यह उनका तीसरा काव्य संकलन है। इससे पहले वह चार किताबें और लिख चुकी है। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने उनके एक कहानियों के संकलन ‘वह आसमां मुझे दो’ के लिए प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया है।
डॉ अर्चना भाटिया का मानना है कि काव्य संकलन हस्ताक्षर उनके पाठकों को निश्चित रूप से जीवन जीने की कला, नारी के प्रति सम्मान और सबसे बड़ी बात नारी वर्ग को अपनी चुनौतियों को समझने में तथा अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ निकालने में एक बहुत ही प्रेरक भूमिका अदा करेगा। डॉ अर्चना भाटिया ने अपने क्षेत्र में भी काफी कीर्तिमान स्थापित किए हैं जैसे सांख्यिकी विषय में उन्होंने छह बार इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया। वर्ष 2019 में हरियाणा राज्य के गवर्नर ने उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करने के लिए और नारी सशक्तिकरण के लिए अथक प्रयास करने हेतु सम्मानित किया। इसी तरह फरीदाबाद प्रशासन भी उन्हें तीन बार सम्मानित कर चुका है। वह एक जानी-मानी शिक्षिका हैं और डीएवी शताब्दी कॉलेज में विगत पैंतीस वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं।
डॉ अर्चना भाटिया ने अपने क्षेत्र में कई शोध पत्र लिखें और और कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित उनके शोध पत्र उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रदर्शित करते हैं। उनके द्वारा लिखित एक शोध पत्र हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के रिसर्च डेटाबेस में शामिल किया गया है। इसके साथ ही साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में नेशनल कमीशन ऑफ वूमेन द्वारा शिक्षा एवं नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके अद्भुत योगदान के लिए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।