खनन से बीमारियां बढ़ेंगी, मेवात के गांव उजड़ेंगे 

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-अरावली बचाने को बारा चौक पर जनजागरण बैठक, खनन को लेकर कड़ा विरोध
City24News/अनिल मोहनिया

नूंह | नूंह जिले के बारा चौक पर अरावली पहाड़ियों को बचाने के लिए मेवात आरटीआई मंच के मार्गदर्शन में एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में क्षेत्र में प्रस्तावित खनन को लेकर गहरी चिंता जताई गई और कहा गया कि यदि अरावली क्षेत्र में 100 मीटर के दायरे में खनन की अनुमति दी गई तो मेवात के सैकड़ों गांवों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। वक्ताओं ने इसे पर्यावरण, स्वास्थ्य और स्थानीय आजीविका पर सीधा हमला बताया। मुख्य वक्ता चौधरी मुमताज अली सरपंच रीठट ने कहा कि अरावली का ठेका बड़े कॉरपोरेट घरानों जैसे अडानी और अंबानी की कंपनियों को दिए जाने की तैयारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे में स्थानीय युवाओं को न तो रोजगार मिलेगा और न ही मजदूरी का अवसर। ठेका तो दूर, क्षेत्र के लोगों को किसी भी तरह का लाभ नहीं मिलने वाला है। पूर्व उप चेयरमैन इकबाल खान कहा कि अरावली पहाड़ियां यहां के पशुपालकों के लिए जीवनरेखा हैं, जहां भेड़, बकरी, गाय और भैंस प्राकृतिक रूप से चारा प्राप्त करती हैं। चौधरी हनीफ खान ने कहा कि अरावली के पेड़-पौधे वातावरण को शुद्ध रखते हैं और ऑक्सीजन की भरपूर आपूर्ति करते हैं। यदि खनन हुआ तो पहाड़ियां जमींदोज हो जाएंगी, धूल प्रदूषण बढ़ेगा और टीबी, फेफड़ों की बीमारियों सहित कई गंभीर रोग फैलेंगे। इससे पूरा पर्यावरण संतुलन बिगड़ जाएगा।

बैठक में पूर्व हेड मास्टर हनीफ, अजमत खान, हाजी तैयब हुसैन, सहजाद नंबरदार, जब्बार खान, हाजी महमूद खान, हाजी नवाब, शमसुद्दीन, यासीन खान, असलम सरपंच ख्वाजली कलां, ईसब खान, समेर खान, कासम खान, पूर्व चेयरमैन इकबाल खान, हाजी कमाल, हाजी कासम सहित सैकड़ों मौजिज लोग मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में अरावली को बचाने के लिए संगठित संघर्ष का आह्वान किया।

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