नूंह के बढौजी गांव में जमीन विवाद के बीच सरसों की फसल उजाड़ने का गंभीर आरोप, पीड़ित परिवार ने राजस्व अधिकारियों पर मिलीभगत का लगाया आरोप

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City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह जिले के बढौजी गांव में जमीन विवाद को लेकर सरसों की खड़ी फसल को नष्ट किए जाने, झोंपड़ी में आग लगाने और पानी के कुंडे को तोड़ने का गंभीर मामला सामने आया है। खास बात यह है कि जिस जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, वह मामला फिलहाल फरीदाबाद कमिश्नर न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बावजूद आरोप है कि राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी आरोपी पक्ष के साथ मिलकर जबरन कब्जा दिलवाने पहुंचे और खड़ी फसल को नष्ट करा दिया।

पीड़ित परिवार ने नूंह एसपी और आंकेड़ा थाना पुलिस को तहसीलदार, गिरदावर, पटवारी सहित अन्य लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत देकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

सरसों की फसल पर जेसीबी चलाने का आरोप

पीड़ित हारून ने बताया कि तीनों भाइयों ने अपने-अपने हिस्से की जमीन पर सरसों की फसल बो रखी थी। आरोप है कि दो दिन पहले उनके भाई असरू उर्फ शरीफ ने तहसीलदार नूंह, हल्का गिरदावर कमरूदीन और पटवारी रतनलाल के साथ मिलकर खड़ी फसल पर जेसीबी और ट्रैक्टर चलवा दिया। इतना ही नहीं, पशुओं के लिए बनी झोंपड़ी में आग लगा दी तथा पानी के कुंडे को तोड़ दिया।

पीड़ित ने बताया कि उन्होंने राजस्व अधिकारियों को बार-बार समझाया कि मामला कमिश्नर न्यायालय में विचाराधीन है और किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो सकती, लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी। जब पीड़ितों ने नोटिस की मांग की तो अधिकारी मौके से चले गए।

कमिश्नर कोर्ट में विचाराधीन है विवादित जमीन का मामला

मोहम्मद इरशाद ने बताया कि उनके ताऊ असरू उर्फ शरीफ के साथ खसरा नंबर 19, किला 23/2 (4 कनाल) और 22/3/2 (6 कनाल 19 मरला), कुल लगभग 10 कनाल 19 मरला जमीन को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा है। यह मामला फरीदाबाद कमिश्नर कोर्ट में लंबित है और अभी तक किसी भी पक्ष के हक में फैसला नहीं हुआ है। इसके बावजूद आरोपी पक्ष बुधवार दोपहर करीब 2:50 बजे मौके पर पहुंचा और कथित रूप से राजस्व विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में फसल नष्ट करवाई गई।

इरशाद का आरोप है कि अधिकारियों और उनके ताऊ के बीच मिलीभगत है, जिसके चलते बिना नोटिस और बिना किसी आदेश के कार्रवाई की गई।

गिरदावर ने आरोपों को बताया निराधार

इस मामले पर जब हल्का गिरदावर कमरूदीन से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि वह केवल पुलिस फोर्स के साथ भूमि की पैमाइश करने गए थे और उन्होंने किसी भी प्रकार की फसल को नष्ट नहीं किया।

हालांकि, पीड़ित पक्ष का कहना है कि जिस समय फसल नष्ट की जा रही थी, उस वक्त राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद थे, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी उनके पास है।

पीड़ित परिवार ने की न्याय की मांग

पीड़ित परिवार अब इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि बिना कोर्ट आदेश और बिना नोटिस के ऐसा नुकसान करना कानून के खिलाफ है। उन्होंने एसपी नूंह से मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

यह मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और ग्रामीण भी प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस और प्रशासन इस गंभीर शिकायत पर क्या कदम उठाते हैं।

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