नूंह में पाकिस्तानी जासूस का बड़ा खुलासा

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-हिरासत में लिए गए साथी एडवोकेट को छोड़ा
-रिजवान ने 41 लाख कैश कबूला 7 बार पैसे लेने गया था अमृतसर, भारी रकम से पंजाब नेशनल बैंक के खाते की हुई लिमिट क्रॉस
-आरोपी रिजवान ने सोहना में खुलवाया था दूसरा खाता, करोड़ों की रिकवरी होनी बाकी
City24News/अनिल मोहनिया

नूंह | नूंह जिले से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी और टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किए गए एडवोकेट रिजवान ने जांच एजेंसियां के सामने बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में रिजवान के साथी एडवोकेट मुशर्रफ उर्फ परवेज को भी हिरासत में लिया गया था,जिसे अब पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। मुशर्रफ उर्फ परवेज ने पहली बार दैनिक भास्कर एप से बातचीत करते हुए रिजवान के कई बड़े राज खोले है।

एडवोकेट मुशर्रफ उर्फ परवेज ने बताया कि सबसे पहले उसकी मुलाकात रिजवान से वर्ष 2022 में इंटर्नशिप के दौरान सोहना कोर्ट में मुलाकात हुई थी। जिसके बाद उनकी दोस्ती हो गई। वह नूंह कोर्ट में प्रेक्टिस करने लगे तो वही रिजवान गुरुग्राम की कोर्ट में प्रैक्टिस करता था। एडवोकेट मुशर्रफ ने बताया कि रिजवान से उनका मुकदमे से संबंधित लेनदेन भी होता रहता था। कई बार वह एक साथ घूमने के लिए भी गए है। 24 नवंबर को जब रिजवान को NIA और IB द्वारा गिरफ्तार किया गया था उससे पहले उनकी फोन पर बाते हुई थी। लेकिन उसी रात उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। 

मुशर्रफ ने बताया कि जब पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए घर पहुंची तो गाड़ी में रिजवान भी बैठा हुआ था। गाड़ी में बैठने के बाद उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर रिजवान और उन्हें क्यों पकड़ा गया है। तावडू पुलिस हिरासत में जब रिजवान से पूछा गया तो उसने बताया कि मामला खुल गया है। मुशर्रफ ने पूछा कि कौन सा मामला खुल गया तो उसने पूरी कहानी बता दी। मुशर्रफ उर्फ परवेज ने जब रिजवान से यह पूछा कि मुझे क्यों पकड़वाया है ,तो उसने कहा कि जांच एजेंसियों के पास पूरा इनपुट था।

एडवोकेट मुशर्रफ उर्फ परवेज ने बताया कि जांच एजेंसियां उसे और रिजवान को लेकर अमृतसर पहुंची थी। जहां उनसे कई घंटों तक पूछताछ की गई। इसके साथ ही टीम उन्हें दिल्ली लेकर पहुंची वहां भी पूछताछ की गई। मुशर्रफ उर्फ परवेज ने बताया कि उनसे केवल यह पूछा गया था की रिजवान के साथ कब से है, इस मामले के बारे में जानकारी है या नहीं और कहां-कहां रिजवान का नेटवर्क है। इसके साथ ही फोन की गहना से जांच की गई। क्योंकि रिजवान उसके पास आए दिन केस के सिलसिले में पैसे डालता रहता था। लेकिन जांच एजेंसियों को कुछ नहीं मिला और उन्हें 28 नवंबर को क्लीन चैट देकर छोड़ दिया गया। 

मुशर्रफ उर्फ परवेज ने बताया कि जुलाई के महीने में एडवोकेट रिजवान उसे घुमाने के लिए अमृतसर बाघा बॉर्डर ले गया था। जहां मुशर्रफ उर्फ परवेज अपनी गाड़ी लेकर गया था। परवेज ने बताया कि बाद में रिजवान उसे अमृतसर के गोल्डन टेंपल पर ले गया। गोल्डन टेंपल पर रिजवान गाड़ी से उतर गया और कुछ दूरी पर स्कूटी से आए तो लोगों अपने हाथ में लिया हुआ बैग थमा दिया। हालांकि परवेज ने उन लोगों को पहचानने से इनकार किया है। जब वह घर वापिस आ रहे थे तो अमृतसर में ही उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और उन्हें अपनी गाड़ी को वहीं पर खड़ा करना पड़ा। दोनों ट्रेन से वापिस घर पहुंचे।

परवेज ने बताया कि वह 1 अगस्त को फिर से रिजवान के साथ गाड़ी लेने के लिए अमृतसर पहुंचा। इस बार रिजवान अपनी गाड़ी लेकर गया था। शाम को अमृतसर पहुंचकर उन्होंने कमरा लिया। लेकिन रिजवान परवेज को कमरे में छोड़कर रात को ही कहीं निकल गया। इस बार रिजवान अपने साथी परवेज से कह कर गया था कि वह पैसे लेकर आ रहा है। आधी रात को जिस समय रिजवान कमरे पर पहुंचा उस समय परवेज सोया हुआ था। जिसके बाद वह सुबह अमृतसर से गाड़ी लेके निकल लिए।

परवेज ने बताया कि उनके सामने रिजवान से हुई पूछताछ के दौरान यह सामने आया था कि रिजवान अमृतसर पांच बार पैसे लेने के लिए गया था। जिसमें तीन बार 7 –7 लाख रुपए और 2 बार 10–10 लाख रूपये लेकर आया था। ये पैसे स्कॉर्पियो गाड़ी और स्कोडा गाड़ी में कुछ लोग लेकर आए थे। इस तरह से कुल 41 लाख रुपए कैश रिजवान ने कबूला है। जिसे उसने अजय अरोड़ा के पास पहुंचाया था। जिले बदले रिजवान को मोटा कमीशन मिलता था।

रिजवान के दो बैंक खाते है। एक पंजाब नेशनल बैंक का खाता तावडू में है तो वही दूसरा सोहना की IndusInd Bank में है। पंजाब नेशनल बैंक का खाता कुछ महीने पहले लिमिट क्रॉस होने की वजह से बंद हो गया था। जिसके आड़ उसने सोहना की IndusInd Bank खाता खुलवाया। पंजाब नेशनल बैंक की लिमिट क्रॉस होना इस बात का सबूत है कि पाकिस्तानी हैंडलरों से करोड़ों रुपये की हवाला राशि उसके खाते में आई थी, जिसका बड़ा हिस्सा पंजाब में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया गया। हालांकि परवेज को यह जानकारी नहीं है कि उसके खातों में कितनी राशि आई है। परवेज ने इतना खुलासा जरूर कर दिया है कि लिमिट क्रॉस की वजह से उसने दूसरी ब्रांच में खाता खुलवाया था। इसके साथ ही जांच एजेंसियां को उसके लेपटॉप और फोन से संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिली है।

वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के लिए जासूसी प्रकरण की जांच कर रही नूंह एसआईटी ने पंजाब के अमृतसर से तीन आरोपियों संदीप सिंह उर्फ गगन, अमनदीप सिंह, जसकरण सिंह को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों पर हवाला के जरिए रिजवान तक पाकिस्तानी हैंडलरों से करोड़ों रुपये की राशि पहुंचाने और पंजाब में देशविरोधी गतिविधियों को फंडिंग करने का गंभीर आरोप है। इस मामले को लेकर लगातार नूंह पुलिस की कई टीमें पंजाब में दबिश दे रही है। अब कुल पांच गिरफ्तारियां हुई है। इस पूरे मामले की तावडू डीएसपी अभिमन्यु लोहान लीड कर रहे है। सूत्रों का कहना है कि मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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