पात्र लोगों को दयालु-द्वितीय योजना का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें : उपायुक्त अखिल पिलानी
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त अखिल पिलानी ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनमें दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना के तहत दयालु-द्वितीय योजना भी शामिल है। इस योजना का उद्देश्य आकस्मिक घटनाओं में पीड़ित गरीब परिवारों को आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
उपायुक्त ने बताया कि दयालु-द्वितीय योजना के अंतर्गत हरियाणा के मूल निवासी परिवारों को लावारिस/आवारा अथवा जंगली पशुओं—जैसे गाय, बैल, कुत्ते, नीलगाय, भैंस आदि—के काटने, चोट पहुँचाने से हुई आकस्मिक मृत्यु, घायल होने या दिव्यांगता की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में पंजीकृत सभी परिवारों को कवर करती है।
उन्होंने बताया कि आवारा पशुओं के कारण हुई दुर्घटना से संबंधित दावों पर देय मुआवज़े का निर्धारण जिला स्तरीय कमेटी द्वारा किया जाएगा। गरीब व जरूरतमंद परिवारों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा देना इसका मुख्य उद्देश्य है। परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु या निर्धारित प्रतिशत दिव्यांगता की स्थिति में एक से पाँच लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। आवेदक परिवार के पास परिवार पहचान पत्र होना आवश्यक है तथा आवेदन पूर्णतः ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया जा सकता है।
उपायुक्त अखिल पिलानी ने बताया कि यह योजना वार्षिक एक लाख 80 हजार रुपये से कम आय वाले परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। कुत्ते के काटने के मामलों में मुआवज़ा न्यूनतम 10 हजार रुपये प्रति दांत निशान तथा जहाँ मांस त्वचा से अलग हो गया है, वहाँ यह राशि न्यूनतम 20 हजार रुपये प्रति 0.2 सेमी घाव निर्धारित की गई है।
आयु वर्ग के अनुसार आर्थिक सहायता इस प्रकार निर्धारित है—
12 वर्ष तक : 1 लाख रुपये, 12 से 18 वर्ष : 2 लाख रुपये, 18 से 25 वर्ष : 3 लाख रुपये, 25 से 45 वर्ष : 5 लाख रुपये, 45 वर्ष से अधिक : 3 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना होने के बाद 90 दिनों के भीतर लाभार्थी/दावेदार को आवश्यक दस्तावेज़ों सहित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन दायर करना होगा।
