बेटियों का ड्रॉपआउट रोकने के लिए कंसाली, आकेड़ा और चंदेनी 12वीं कक्षा में स्तरोन्नत
-760 छात्रों को पढ़ने के लिए जाना नहीं पड़ेगा दूर
-मेवात आरटीआई मंच ने 40 स्कूल कराए अपग्रेड, 70 का टारगेट
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | नीति आयोग के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार नूंह आज भी शिक्षा के लिहाज से कई चुनौतियां झेल रहा है। अभी भी कई दूरदराज के इलाकों में बच्चों को 6 से 8 किलोमीटर दूर जाकर दूसरे गांवों में पढ़ाई करनी पड़ती है, जिससे खासकर बेटियों का ड्रॉपआउट दर लगातार बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों को बदलने की दिशा में बड़ा कदम सामने आया है।
इस इलाके में समुचित शिक्षा पर ढाई दशक से काम कर रहे स्वयंसेवी संगठन मेवात आरटीआई मंच एवं मौजी फाउंडेशन घागस ने मोर्चा संभाला हुआ है। उसके नेतृत्व में अब तक 40 सरकारी स्कूलों को 12वीं कक्षा तक अपग्रेड कराया जा चुका है। मंच का लक्ष्य कुल 70 स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्तर तक पहुंचाना है, इससे यूनिवर्सिटी खोलने का रास्ता भी साफ होगा। यह प्रयास मेवात की शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव लाने वाला साबित हो रहा है क्योंकि अब बच्चों, विशेषकर बेटियों, को उच्च शिक्षा के लिए दूर गांवों में भटकना नहीं पड़ेगा। पढ़ाई सुरक्षित, सुलभ और गांव के भीतर ही उपलब्ध होगी।
गांव कंसाली, चंदेनी और आकेड़ा में स्कूल अपग्रेड होने के बाद ग्रामीणों में उत्साह और खुशी का माहौल है। गांव कंसाली के सरपंच हारून खान, समाजसेवी मुबारिक खान चंदेनी और डिपो होल्डर असगर आकेड़ा ने कहा कि कई वर्षों के संघर्ष के बाद आखिरकार उनके स्कूल 8वीं से 12वीं कक्षा तक अपग्रेड हुए हैं। उन्होंने इस कार्य का श्रेय मेवात आरटीआई मंच, राज्य पुरस्कार विजेता सबीला जंग और शिक्षाविद राजूद्दीन घागस को दिया है।
राजकीय माध्यमिक विद्यालय कंसाली के मुख्याध्यापक श्याम सुंदर ने भी स्कूल अपग्रेड होने पर प्रसन्नता जताते हुए शिक्षा विभाग, सबीला जंग व राजूद्दीन का आभार व्यक्त किया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय आकेड़ा की प्रिंसिपल अजरा खान ने कहा कि राजूद्दीन कई साल से संघर्ष कर रहे थे, आज वह प्रयास रंग लाए हैं।
वहीं चंदेनी गांव के हिदायत कमांडो, सरपंच नसीम, मुबारिक खान सहित समस्त ग्रामीणों ने स्कूल को 12वीं कक्षा तक स्तरोन्नत किए जाने पर राजूद्दीन व बेटी सबीला जंग को बधाई दी और कहा कि इससे गांव की बेटियों को नई दिशा मिलेगी।
