वरिष्ठ नागरिकों को कानूनी अधिकारों व भरण-पोषण संबंधी अधिकारों के प्रति किया जागरूक
– प्राधिकरण की सचिव नेहा गुप्ता ने माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के प्रावधानों पर दी विस्तारपूर्वक जानकारी
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. सुशील कुमार गर्ग के निर्देशानुसार प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा गुप्ता की अध्यक्षता में कानूनी सहायता क्लीनिक तावड़ू में माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के प्रावधानों पर आधारित एक विस्तृत जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में सीजेएम नेहा गुप्ता ने वरिष्ठ नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों, भरण-पोषण दावे दर्ज करने की प्रक्रिया, ट्रिब्यूनल के आदेश तथा बच्चों व रिश्तेदारों की कानूनी जिम्मेदारियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक समय पर भरण-पोषण न मिलने पर सरल और त्वरित प्रक्रिया के माध्यम से अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। सीजेएम बताया कि यह कानून केवल भरण-पोषण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, संपत्ति पर अधिकार, तथा उत्पीड़न से बचाव हेतु कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने बताया कि यह अधिनियम किस प्रकार वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा की रक्षा करता है और उन्हें सम्मानजनक व सुरक्षित जीवन जीने के लिए सक्षम बनाता है।
शिविर में पैनल एडवोकेट गगन नागपाल व पैरा लीगल वॉलंटियर सुमन भी उपस्थित रहे। उन्होंने प्रतिभागियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध मुफ़्त कानूनी सहायता, परामर्श सेवाएं, वरिष्ठ नागरिक हेल्प डेस्क, तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने समझाया कि आवश्यकता पड़ने पर पैनल एडवोकेट भी वरिष्ठ नागरिकों की सहायता कर सकते हैं। कार्यक्रम में शामिल वरिष्ठ नागरिकों ने शिविर में उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस पहल की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों से उन्हें अपने अधिकारों, कानूनी संरक्षण और उपलब्ध सेवाओं के बारे में उपयोगी व वास्तविक जानकारी मिलती है, जो उनके लिए अत्यंत लाभकारी है।
