मंदिर में चला 24 घंटे का अखंड सत्संग प्रवचन
-संत रामेश्वर दास की 41वीं पुण्य स्मृति में आयोजित किया गया पर्व
-समापन पर हुआ हवन व भंडारे में का आयोजन
City24News/सुनील दीक्षित
कनीना | उत्तर भारत में प्रसिद्ध संत ‘रामेश्वरदास’ मंदिर में बुधवार को 41वीं पुण्य स्मृति पर पर्व का आयोजन किया गया। जिसमें पिछले 24 घंटे से अखंड सत्संग-प्रवचन चला। जिसमें दूर-दराज से आए गायक कलाकारों ने धार्मिक भजनों से समां बांध दिया। मंदिर ट्रस्ट के प्रधान सुरेश केडिया ने बताया कि मंगलवार सुबह से शुरू हुए अखंड भजन-कीर्तन बुधवार तक जारी रहे। टीबा बसई के समीप ब्राह्मणवास मंदिर में आयोजित इस समारोह के समापन पर बुधवार सुबह हवन व भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर में आए प्रबुद्धजनों का मंदिर टस्ट की ओर से पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि आठ एकड़ भूमी पर फैले क्षेत्र के प्रसिद्ध रामेश्वरदास मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रतिदिन आना-जाना लगा रहता है। भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर प्रतिदिन सुबह 4 बजे से रात्री 8 बजे तक खुला रहता है। झुंझुनू जिले की सीमा से सटे होने के कारण दो राज्यों के श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है। मंदिर प्रांगण में महाराज के स्मृति पर्व, रामनवमी, नवरात्र, मकर सक्रांति, गोवर्धन पूजा पर समारोह आयोजित किये जाते हैं। जिनमें महेंद्रगढ़ जिला पुलिस कर्मचारी सुरक्षा की कमान संभालते हैं। पिछले 52 साल के अरसे में मंदिर ट्रस्ट पूरी व्यवस्था को संभाल रहा है। ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं सदस्य मंदिर की धार्मिक मान-मर्यादा एवं उसकी ख्याति बढाने के प्रति समर्पित हैं। सुरेश केडिया ने बताया कि संत रामेश्वर दास के जीवन के तीन सूत्र जीव की सवारी नहीं करने, रुपये-पैसे से कोई मोह नहीं रखने तथा भगवान की स्तुति करना शामिल थे। आज आयोजित समारोह में पंहुचे श्रद्धालुओं ने निजामपुर-खेतड़ी सड़क मार्ग टीबा बसई से करीब तीन किलोमीटर लंबे लिंक मार्ग को डिवाइडर के साथ 10 मीटर चैड़ा करने सहित रोडवेज बसों के संचालन की मांग की है। इस मौके पर पंडित फांउडेशन के अध्यक्ष हनुमान शर्मा, लक्ष्मण शास्त्री, बिमला देवी, भारती, बबली, मुकेल,रतनेश, सुनील कुमार नम्बरदार सहित गणमान्यजन उपस्थित थे।
कनीना-संत रामेश्वर दास मंदिर में आयोजित समारोह में हिस्सा लेते श्रद्धालु तथा मंदिर ट्रस्ट के प्रधान सुरेश केडिया।
