विवाह सीजन के चलते बाल विवाह पर रखें विशेष नजर, प्रशासन को करें सूचित- उपायुक्त अखिल पिलानी
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त अखिल पिलानी ने संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी नूंह को निर्देश दिए हैं कि जिला में बाल विवाह जैसे अपराधों पर कड़ी नजर रखी जाए तथा अगर कहीं पर बाल विवाह जैसा अपराध हो रहा है तो उसे तुरंत रूकवाया जाए तथा दोषियों व्यक्तियों के खिलाफ जरूरी कानूनी कार्यवाही की जाए।
उपायुक्त ने कहा कि इस समय विवाह सीजन है, जिसमें बाल विवाह होने का अंदेशा अधिक रहता है, जोकि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत एक कानूनी अपराध है। उन्होंने कहा कि विवाह में सेवा देने वाले टेंट, हलवाई, पंडित, केटरर, प्रिटिंग प्रेस वालों आदि को भी निर्देश दिए जाएं कि वे शादी समारोह में अपनी फर्म का सामान या सेवाएं देने से पहले शादी करने वाले लड़का-लड़की की उम्र का पता जरूर लगाएं। ऐसे किसी भी विवाह कार्यक्रम में न तो शामिल हों और न ही अपनी सेवाएं दें, जहां पर युवक की उम्र 21 वर्ष से कम व युवती की उम्र 18 वर्ष से कम हो। अन्यथा उनके विरूद्ध भी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की व 21 वर्ष से कम आयु के लड़के को नाबालिग माना जाता है। यदि कम आयु में विवाह किया जाता है तो यह संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है, ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है, तो 2 साल तक की सजा व एक लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने जिलावासियों से भी आह्वïान किया कि वे 18 वर्ष से कम आयु की लड़की व 21 वर्ष से कम आयु के लड़के की बाल विवाह से संबंधित कोई भी सूचना प्राप्त होती है तो वे बाल विवाह निषेध अधिकारी, पुलिस हेल्पलाइन 112, मैजिस्ट्रेट या चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर-1098 पर संपर्क कर सूचना दे सकते हैं, ताकि समय पर हस्तक्षेप करके नाबालिग के विवाह को रुकवाया जा सके।
