पंच दिवसीय वेद सप्ताह के दूसरे दिन पहले यज्ञ किया गया।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | पंच दिवसीय वेद सप्ताह के दूसरे दिन पहले यज्ञ किया गया जिसमें मंत्र पाठ आचार्य राजेश एवं सत्यप्रकाश शास्त्री ने किया।वेद उपदेशिका संगीता आर्या ने अविद्या अस्मिता राग द्वेष अभिनिवेश पंच क्लेश के बारे में बताया कि अविद्या से ही हम अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं जान सकते। मुक्ति के लिए वेद पढ़ना अनिवार्य। उन्होंने कहा वेद सबसे प्राचीन है और हमारी संस्कृति का आधार है हमें वेद जीवन जीना सिखाता है हमारे ऋषि मुनियों ने हमें वेद शास्त्र उपनिषद रामायण महाभारत आदि ग्रंथ देकर के बड़ा उपकार किया है। उपदेशिका ने कहा हमें पांच महायज्ञ नित्य प्रतिदिन करने चाहिए जिसमें ब्रह्म यज्ञ जो हमें ईश्वर से जोड़ता है और हमारे जीवन में सारी बुराइयों को दूर करता है देवताओं को उन्नत करने के लिए हमें प्रतिदिन हवन और संध्या करनी चाहिए इस अवसर पर आर्य समाज के प्रधान ज्ञानचंद आर्य ने कहा यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि के द्वारा हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग के द्वारा अपनी चित्त की वृत्तियों रोकने को कहा है। हमें प्रतिदिन वेदों का स्वाध्याय और अपने जीवन सोते समय मैं किसके साथ कैसा व्यवहार किया है यह भी जानने की जरूरत है। इस अवसर पर
नरेंद्र, नितिन सिंगला, सुनील गर्ग, मास्टर रजनीश, कुलवंत बघेल,भवर ठेकेदार, कन्हैयालाल मिस्त्री, रामस्वरूप, जगमोहन, विशाल शर्माआदि अन्य लोग मौजूद रहे।
