मुख्यमंत्री राहत कोष से अब 15 दिन में मिलेगी आर्थिक सहायता – डीसी अखिल पिलानीे

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– सरल पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन से हुई प्रक्रिया पारदर्शी व समयबद्ध।
City24news/अनिल मोहनिया

नूंह | मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया अब और अधिक सरल, पारदर्शी व समयबद्ध हो गई है। जरूरतमंद मरीजों को अब इलाज के लिए आर्थिक सहायता आवेदन के मात्र 15 दिन में प्राप्त हो सकेगी।

डीसी अखिल पिलानीे ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में यह एक सराहनीय पहल है। मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत अब पात्र व्यक्ति सरल पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा दोनों बढ़ गई हैं।

डीसी ने बताया कि अब आवेदक अपनी परिवार पहचान पत्र आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। उन्हें केवल अपने मेडिकल बिल, ओपीडी बिल व अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। आवेदन स्वीकृत होने के बाद सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

उन्होंने बताया कि यदि कोई बीमारी आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में कवर नहीं है, तो आयुष्मान कार्डधारी भी मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना के संचालन के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है, जिसमें सांसद, विधायक, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद अध्यक्ष, जिला परिषद चेयरमैन, पंचायत समिति चेयरमैन आदि सदस्य हैं तथा नगराधीश को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

*आवेदन स्वीकृति की तय समयसीमा*

डीसी अखिल पिलानीे ने बताया कि जैसे ही कोई आवेदक पोर्टल पर आवेदन दर्ज करता है, वह स्वचालित रूप से संबंधित जनप्रतिनिधियों सांसद, विधायक, जिला परिषद चेयरमैन, ब्लॉक समिति अध्यक्ष, मेयर या एमसी अध्यक्ष को भेज दिया जाता है। ये जनप्रतिनिधि पांच दिनों के भीतर अपनी अनुशंसा सहित आवेदन उपायुक्त कार्यालय को भेजेंगे।

इसके बाद आवेदन संबंधित तहसीलदार को संपत्ति सत्यापन व सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेज सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। तहसीलदार को चार दिन व सिविल सर्जन को पांच दिन में रिपोर्ट भेजनी होगी। सभी रिपोर्टों के आधार पर डीसी की संस्तुति के साथ आवेदन को कमेटी के सदस्य सचिव के पास भेजा जाएगा, जो राशि स्वीकृत कर सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर करेंगे।

*वित्त वर्ष में केवल एक बार मिलेगा लाभ*

डीसी अखिल पिलानी ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत इलाज खर्च का 25 प्रतिशत तक की राशि दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपये निर्धारित की गई है। एक आवेदक वित्त वर्ष में केवल एक बार इस योजना का लाभ उठा सकेगा।

उन्होंने बताया कि यदि कोई मरीज दूसरे राज्य में इलाज करवा रहा है और चाहता है कि सहायता राशि सीधे अस्पताल के खाते में ट्रांसफर हो, तो वह अस्पताल की बैंकिंग डिटेल्स भी साझा कर सकता है।

डीसी ने कहा कि यह व्यवस्था जनहित में एक बड़ी राहत साबित होगी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को समय पर मदद मिल सकेगी और उनके परिवारों को उपचार के लिए आर्थिक कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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