फेयर एक्सपोर्ट मीट फैक्ट्री की जांच करने पहुंची टीम

-स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद फैक्ट्री में दो घंटे तक रही प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह जिले के सटकपुरी गांव के पास स्थित फेयर एक्सपोर्ट मीट फैक्ट्री लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनती जा रही है। पिछले कई महीनों से क्षेत्रवासियों द्वारा इस फैक्ट्री के खिलाफ लगातार विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार देर शाम प्रदूषण नियंत्रण विभाग की एक टीम फैक्ट्री की जांच के लिए पहुंची।
टीम करीब दो घंटे तक फैक्ट्री के अंदर रही और वहां की स्थिति का हर एंगल से निरीक्षण किया। जांच के दौरान फैक्ट्री में खामियों को छुपाने की कोशिशें भी देखी गईं, जिससे वहां मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
स्थानीय निवासी शकील, अफजल खान, सहून खान, मुफीद खान और जाकिर ने बताया कि यह फैक्ट्री रिहायशी इलाके के पास चल रही है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री में सरकारी नियमों की अनदेखी की जा रही है।
मांस और खून के अवशेषों को रिहायशी क्षेत्रों और खेतों में फेंका जा रहा है।
इससे इलाके में गंभीर बदबू, मक्खी-मच्छरों का प्रकोप और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
कई लोग सांस की बीमारी और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो चुके हैं। खेतों में अवशेष फेंके जाने से फसलें नष्ट हो रही हैं और जंगली कुत्तों का आतंक बढ़ गया है, जिससे बच्चों को खतरा बना हुआ है।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि अगर कोई फैक्ट्री के खिलाफ आवाज उठाता है, तो फैक्ट्री प्रबंधन उसके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने की धमकी देता है। एक वकील की शिकायत के बाद उसके परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि जिस तरह कुछ दिन पहले मांडीखेड़ा स्थित अल नवेद मीट फैक्ट्री को नियमों के उल्लंघन पर बंद किया गया था, उसी तरह फेयर एक्सपोर्ट फैक्ट्री पर भी कठोर कार्रवाई की जाए।
फैक्ट्री की जांच के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर माना जा रहा है कि टीम को कुछ अहम खामियां मिली हैं।