नूंह अनाज मंडी में धान व बाजरे की आवक बढ़ी, लेकिन किसानों को नहीं मिल रहा सही दाम।

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह की अनाज मंडी इन दिनों किसानों की फसलों से भरी हुई दिखाई दे रही है। मौसम के बदलते मिजाज और बीच-बीच में हुई बरसात के कारण किसान अपनी फसल को लेकर तेजी से मंडी पहुंच रहा है। मंडी में इस समय धान के साथ-साथ बाजरे की भी अच्छी आवक हो रही है, जिससे मंडी लवा-लव नजर आ रही है।

हालांकि, फसल की बढ़ती आवक के बावजूद किसानों के चेहरों पर निराशा साफ झलक रही है। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा तय किए गए समर्थन मूल्य (MSP) के अनुसार उनकी फसल की खरीद नहीं की जा रही है। सरकार ने बाजरे का समर्थन मूल्य 2775 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है और भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को प्रति क्विंटल 575 रुपए अतिरिक्त देने की बात कही गई है, लेकिन इसके बावजूद किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य नहीं मिल रहा है।

आश मोहम्मद, हमीद, रतन सिंह किसानों ने बताया कि मंडी में बाजरे में कमी बताकर रिजेक्ट किया जा रहा है और कम रेट पर खरीदा जा रहा है। वहीं, धान लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि बारिश की वजह से फसल में नमी आने के कारण आढ़ती धान को कम दामों में खरीद रहे हैं।

जब इस विषय में महेंद्र कुमार गोयल मंडी आढ़ती से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बारिश के कारण फसल में नमी जरूर है, लेकिन फिर भी किसानों की फसल खरीदी जा रही है। उन्होंने कहा कि नमी होने के बावजूद किसान की उपज को मंडी में खरीदा जा रहा है।

वहीं मनोज कुमार मार्केट कमेटी अधिकारी ने बताया कि इस बार नूंह अनाज मंडी में धान की सरकारी खरीद नहीं हो रही है। धान की खरीद आढ़तियों द्वारा खुली बोली के माध्यम से की जा रही है। बाजरे की सरकारी खरीद जरूर शुरू की गई है, लेकिन लगातार हुई बरसात के कारण फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ा है, जिसकी वजह से सरकारी खरीद नहीं की गई।

अधिकारियों के अनुसार, अब तक मंडी में करीब 6000 क्विंटल बाजरे की प्राइवेट खरीद हो चुकी है। भावांतर भरपाई योजना के तहत सरकार किसानों के खातों में 575 रुपए प्रति क्विंटल की दर से राशि डाली जाएंगी।

कुल मिलाकर, इस बार नूंह जिले के किसानों को मौसम की मार और खरीद की सुस्त रफ्तार दोनों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर फसल तैयार होने के बाद किसान मंडी तक पहुंच रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें अपनी मेहनत की कीमत न मिलने से मायूसी झेलनी पड़ रही है।

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