अखिल भारतीय लय्या बिरादरी एवं पंजाबी समाज द्वारा 69वां दशहरा का आयोजन

समाचार गेट/ओम यादव
फरीदाबाद। श्री महावीर दल दशहरा कमेटी(रजि.) अखिल भारतीय लय्या बिरादरी एवं पंजाबी समाज द्वारा 69वां दशहरा सेक्टर-16ए के दशहरा मैदान में धूमधाम से मनाया। इस मौके पर मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्यमंत्री चौ.कृष्णपाल गुर्जर,केबीनेट मंत्री विपुल गोयल,महापौर प्रवीण जोशी,मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव अजय गौड,पूर्व शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा उपस्थित थी इसके अलावा गेस्ट ऑफ ऑनर पूर्व वरिष्ठ उपमहापौर देवेन्द्र चौधरी,जिलाध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल,जिला उपाध्यक्ष पंकज सिंगला,पार्षद शैफाली सिंगला,पार्षद कुलदीप साहनी,पार्षद सचिन शर्मा,जयकिशन टूटेजा,पवन डावर,दर्शी दिवान,प्रेम पसरीजा,शम्मी कपूर,सुदेश गुप्ता,विजय जिन्दल ने भी कार्यक्रम की शोभा बढाई। इस अवसर पर सरपरस्त ओमप्रकाश नारंग,प्रधान धर्म बरेजा,महासचिव राज मिगलानी,वरिष्ठ उपप्रधान लोकनाथ मिगलानी,उपप्रधान पप्पू नागपाल,तिलक जी,घनश्याम वधवा,कोषाघ्यक्ष ओपी ढीगड़ा,संगठन मंत्री किशन छाबड़ा,दीनानाथ वधवा,तिलकराज मिगलानी,घनश्याम वधवा,कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश ढीगड़ा,संगठन मंत्री दीनानाथ वधवा,दीपक राज शर्मा किशन छाबड़ा,,सचिव मोहित नारंग,सह सचिव मोहित वीर जी,देवेन्द थरेजा,विनय बतरा,सन्नी आहूजा,अंशुल सलूजा,अन्नू मिगलानी,मेला प्रभारी अमित मिगलानी,मेला मंत्री टिंकू मिगलानी,सह मेला मंत्री कमल नारंग,धीरज शर्मा,मनीष मिगलानी,राजू बतरा,मन्नू मिगलानी तरूण सिंघल,ललित छाबड़ा,सुजल छाबड़ा,सोनू नागिया,यश बब्बर,महेन्द्र वर्मा,अश्वनी सेठी,तिलक अरोड़ा,वाईआर खेड़ा ने गणमान्य अतिथियों का स्मृति चिन्ह्र भेंट कर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर शोभा यात्रा भी निकाली गई जोकि ओल्ड फरीदाबाद मार्किट होते हुए सेकटर 16ए के दशहरा मैदान में पहुंची जहां सभी भक्तों ने उसका स्वागत किया। इस अवसर पर चौ.कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि यह त्योहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। विपुल गोयल ने कहा कि दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोडऩे की प्रेरणा हमें देता है। विजयादशमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। राम की विजय के प्रतीक स्वरूप इस पर्व को विजयादशमी कहा जाता है। अजय गौड ने कहा कि भारतीय संस्कृति सदा से ही वीरता व शौर्य की समर्थक रही है। दशहरे का उत्सव भी शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला उत्सव है। उन्होनें कहा कि रावण के बुरे कर्म पर श्रीराम की अच्छाई की जीत हुई इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के त्यौहार के रूप में मनाते है।