स्वदेशी संकल्प एक नारा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव है: कृष्णपाल गुर्जर

समाचार गेट/संजय शर्मा
फरीदाबाद। भाजपा, जिला कार्यालय अटल कमल पर आयोजित प्रेस वार्ता में केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि स्वदेशी संकल्प एक नारा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव है। यह एक आह्वान है कि हम अपने देश में बने उत्पादों को अपनाए, अपनी संस्कृति को गले लगाएं, और अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें। हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी हमारा मंत्र है, हमारा लक्ष्य है, और हमारी शक्ति है। स्वदेशी केवल आर्थिक क्षेत्र में ही नहीं है, यह हमारी संस्कृति और आत्मा का हिस्सा है। दुनिया में भारत का योग, आयुर्वेद, हस्तशिल्प, परंपरागत उद्योग, यह सब वैश्विक पहचान बना चुके हैं। स्वदेशी हमारे देश के कारीगरों, किसानों, छोटे व्यापारियों, और हमारे उद्यमियों के प्रति एक सम्मान है। जब हम स्वदेशी अपनाते हैं, तो हम अपने देश की मिट्टी से जुड़ते हैं, अपने लोगों की मेहनत को सम्मान देते हैं, और अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हैं। देश की सभी समस्याओं की एक ही दवा है स्वदेशी का प्रयोग और आत्मनिर्भर भारत ।
इस प्रेस वार्ता में भाजपा जिला अध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल, प्रदेश प्रवक्ता बिजेन्द्र नेहरा, जिला मिडिया प्रभारी विनोद गुप्ता, आत्मनिर्भर भारत जिला संयोजक सीमा भारद्वाज, जिला सह संयोजक नीरज मित्तल, गिर्राज त्यागी, जिला महामंत्री चौधरी प्रवीण गर्ग, शोभित अरोड़ा, जिला कार्यालय सचिव राज मदान, जिला सचिव,भाजपा मनीष छोंकर व अन्य भाजपा नेता उपस्थित रहे ।
श्री गुर्जर ने कहा कि श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने हमें सिखाया आर्थिक आत्मनिर्भरता ही सुरक्षा है, भारतीय उद्योग और श्रमिक हमारी ताकत हैं। उन्होंने स्वदेशी प्रौद्योगिकी, कृषि और लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर यह दिखाया कि हमारा विकास हमारे हाथ में है। यही प्रेरणा आगे चलकर वर्ष 1991 में आत्मनिर्भर भारत के आंदोलन का आधार बनी जिसे आगे बढ़ाते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया था। आज मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल अवसंरचना और “वोकल फॉर लोकल” जैसे अभियान इसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारी शक्ति, हमारी संस्कृति और हमारी उद्योग-कुशलता ही हमें आत्मनिर्भर भारत की ऊंचाइयों तक ले जाएगी। देश में स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा यह तीनों स्तंभ मिलकर ‘विकसित भारत’ की ओर ले जाते हुए ‘आत्मनिर्भर भारत’ की नींव तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का मानना था कि आर्थिक व्यवस्था स्वदेशी पर आधारित होनी चाहिए। आज मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की केन्द्र सरकार इसी मंत्र पर चलते हुए स्वदेशी को बढ़ावा दे रही है। ‘मेक इन इंडिया’ से लेकर ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ से लेकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ तक हर पहल का लक्ष्य यही है कि हम विदेशी निर्भरता कम करें और स्वदेशी उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाएं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने रक्षा स्वदेशीकरण, ओडीओपी, जीईएम/ओएनडीसी, भाषा प्रौद्योगिकियों और भारतीय विरासत पर गर्व के माध्यम से आत्मनिर्भरता के विचार को आगे बढ़ाया है। अब स्वदेशी का स्वरूप केवल खादी या दीये तक सीमित नहीं है। आज यह ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर सेमीकंडक्टर तक, चिप से लेकर शिप तक और विश्व स्तरीय वस्तु और शिल्प तक फैल चुका है। स्वदेशी हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे ले जाने का मंत्र है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी