विजय दशमी के पावन पर्व पर बेरोजगारी,अशिक्षा,भ्रष्टाचार,अन्याय,अपराध, गरीबी जैसे दानव का करें अंत 

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– बच्चों को शिक्षित व संस्कारवान बनाएं
-नारी के सम्मान करने वाले नव समाज का करें निर्माण
City24news/अनिल मोहनिया

नूंह | विजय दशमी बुराई पर अच्छाई,असत्य पर सत्य की विजय, भगवान के प्रति सच्ची भक्ति,आस्था ,निष्ठा, समर्पण,श्रद्धा के रूप में मनाया जाने वाला पावन,पवित्र,पुण्य पर्व है।ये बात सर्व जातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष रजत जैन ने कही । प्रत्येक व्यक्ति को अपने भीतर छुपे बुराई रूपी रावण का अंत (मारना) करना चाहिए तभी भगवान राम के अवतार का उद्देश्य पूर्णरूप से सार्थक हो सकेगा। भगवान राम के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धा ,निष्ठा,आस्था व भावना के साथ उनके अवतार के सपने का सार्थक उद्देश्य को साकार कर सकेंगे। जन जन की करुण पुकार पर भगवान हरी ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर श्री राम का अवतार लेकर सृष्टि से रावण व अन्य दानवो का अंत कर अधर्म पर धर्म की विजय पताका लहरा कर सत्य और सर्वोच्च मर्यादा का मार्ग जनमानस को दिखाकर एक भयमुक्त सभ्य समाज की स्थापना की।रजत ने बताया की आज के समय में अशिक्षा, अपराध, अन्याय,बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार जैसे दानवों का हम सबको मिलकर अंत कर,एक प्रगतिशील,संस्कारवान, नैतिक शिक्षा से परिपूर्ण,नारी का आदर, सत्कार, मानसम्मान, करने वाले,उच्च संस्कारों से परिपूर्ण नव निर्मित समाज का निर्माण करना है। यही बुराई पर अच्छाई की सच्चे अर्थो में विजय होगी।

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