नगीना में पूर्ण उत्साह, उमंग, हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है रामलीला का मंचन।

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | कस्बा नगीना में पूर्ण उत्साह,उमंग,हर्षोल्लास के साथ रामलीला का मंचन किया जा रहा है।भगवान श्री गणेश का पूजन,व श्री हनुमान जी के द्वारा भगवान श्री राम प्रभु व भैया लक्ष्मण की विधिवत आरती करने के पश्चात रामलीला प्रारम्भ होती हैं । श्री रामलीला विकास कमेटी (रजि०) के सानिध में चल रही है।रामलीला के आठवें दिन इंद्रजीत के द्वारा हनुमान जी को ब्रह्मपाश में बांधकर रावण के समक्ष दरबार में पेश करता है ।विभीषण की सलाह पर रावण हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश देता है ।हनुमान जी उस आग से लंका में आग लगा देते हैं, जिससे लंका में अफरातफरी मच जाती है। हनुमान जी अशोक वाटिका में जाकर माता सीता से भेंट करते हैं और निशानी के तौर पर माता सीता की चूड़ामणि लेकर श्री राम प्रभु के पास वापस जाते हैं। वहां पर श्रीराम पर सही सभी को लंका का वृतांत बताते हैं। इस घटना के बाद रावण अपने भाई विभीषण को बाहर निकाल देते हैं । विभीषण भगवान श्री राम प्रभु की शरण में चले जाते हैं। श्री राम प्रभु शांति दूत के रूप में अंगद को लंका के राज दरबार में भेजते हैं जहां पर अंगद सभी वीरों को जमीन से अपना पर हटाने की चुनौती देते हैं। कोई भी वीर उसका पैर नहीं हटा पाता है।अंगद वापिस रामादल में आ जाते हैं। रावण के दरबार में रावण की भयंकर गर्जना के साथ इंद्रजीत को युद्ध के लिए भेजना युद्ध में इंद्रजीत के द्वारा लक्ष्मण को मूर्छित करना । जीत कर लंका आना व  लंका में खुशी का माहौल उत्पन्न होना व रामादल में छाया सन्नाटा। लंका से हनुमान जी के द्वारा शुखेन वैद्य को रामा दल में लाना के दृश्य व संवादों ने जनता को भावविभोर कर दिया।शुखेन वैद्य के द्वारा लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए संजीवनी बूटी की मांग करना। हनुमान जी का संजीवनी बूटी लाने के लिए प्रस्थान करना। रावण के द्वारा हनुमान जी को मार्ग में रोकने के लिए कालनेमि को भेजना । आकाशवाणी के द्वारा कालनामी के बारे में हनुमान जी को बताना, हनुमान जी के द्वारा कालनेमि का वध करना के दृश्यों ने जनता को रोमांचित कर दिया। हनुमान जी के द्वारा पर्वत के समीप पहुंचना । संजीवनी बूटी की पहचान न होने की वजह से पूरे पर्वत को लेकर चलना मार्ग में भरत के द्वारा हनुमान जी पर तीर से प्रहार करना हनुमान जी का घायल होकर भूमि पर गिरना। जानकारी लगने पर भरत के द्वारा पश्चाताप व विलाप करना। हनुमान जी को तीर पर बैठाकर लंका पहुंचाने का अनुरोध करना, हनुमान जी के द्वारा अनुरोध को  अस्वीकार करना। पर्वत को लेकर रामा दल पहुंचना के दृश्य ने जनता को भावविभोर कर दिया।शुखेन वैद्य के द्वारा संजीवनी बूटी से लक्ष्मण जी की मूर्छा दूर करना ।रामादल में खुशी की लहर दौड़ गई और जय श्री राम के जय घोषों से सारा वातावरण गुंजायमान हो गया।

नगीना रामलीला में भीष्म पितामह की उपाधि से अलंकृत पंडित जगन शर्मा एवं प्रभु दयाल गंभीर का श्री राम लीला विकास कमेटी ने सम्मानित किया। नगीना के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी विकास आजाद व भादस गुरुकुल के आचार्य तरुण को भी सम्मानित किया गया।

मंच संचालन रजत जैन ने बहुत ही सुंदर ,सौम्य, मृदभाषा के साथ मंच संचालन कर सबका मनजीत लिया।

इन्होंने निभाए पत्रों के किरदार :  रावण -रोहित शर्मा, राम- मुकेश शर्मा, लक्ष्मण – पवन भटनागर,  सीता-सागर गोयल, हनुमान- ओमकार साहू, इंद्रजीत -महेन्द्र मास्टर, अक्षय कुमार-विकास दक्ष, विभीषण – अजयवीर,  मंत्री व त्रिजटा- सतीश प्रजापत,मंत्री  -राकेश प्रजापत,सुग्रीव-सुभाष सैनी, भरत- परसराम सैनी,अंगद – विक्की भटनागर नृत्यांगना व गायिका -अमित जांगडा, ने अपने अपने पात्रों के अनुसार दमदार कला (अभिनय) के माध्यम से किरदार निभाकर जनता को रोमांचित कर दिया।

इस अवसर पर रामलीला विकास कमेटी नगीना के अध्यक्ष कमल शर्मा, कोषाध्यक्ष गोविंद दुबे, सचिव ओमकार साहू, संरक्षक सतपाल सैनी, प्रभु दयाल गंभीर, पूर्व पंच प्यारे लाल,पंडित जगन शर्मा, परसराम सैनी, सर्वजातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष रजत जैन, मोनू शर्मा, शेर सिंह सैनी,लखपत कोहली आदि उपस्थित रहे।

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