आपसी प्रेम व सौहार्द का प्रतीक है ,नगीना की रामलीला 

0

-भगवान राम प्रभु की आरती व पूजा अर्चना के पश्चात प्रारंभ होती है नगीना की रामलीला
-सुग्रीव बाली युद्व, बाली वध
-रावण सीता संवाद ने जनता को झकोरकर रख दिया।
City24news/अनिल मोहनिया

नूंह | आपसी प्रेम व सौहार्द प्रतीक है, नगीना की रामलीला। सर्वसमाज के व्यक्ति कस्बा नगीना के गोहर वाली चौक में आयोजित रामलीला को सामूहिक रूप से एकत्रित होकर प्रेम पूर्वक देखते हैं। जो कि दूसरे कस्बों व गांवो के लिए प्ररेणा का स्त्रोत्र है।भैया लक्ष्मण के द्वारा भगवान श्री राम प्रभु की पूर्ण,निष्ठा, श्रद्धा,आस्था, के साथ आरती व पूजा अर्चना की तो सारा वातावरण राममय हो गया। कार्यक्रम स्थल जय श्री राम के जयघोषों से गुंजायमान हो गया। सुग्रीव व श्री राम प्रभु की भेंट व दोनों में मित्रता। राम प्रभु के द्वारा सुग्रीव को बाली के पास युद्ध के लिए भेजना सुग्रीव के द्वारा बाली को युद्ध के लिए चुनौती देना दोनों के युद्ध में सुग्रीव का पराजित होना।प्रसंगों ने जनता का मन मोह लिया। ये दृश्य श्री रामलीला विकास कमेटी नगीना (रजिस्टर्ड ) नगीना के सानिध्य में आयोजित रामलीला का है। सुग्रीव का पराजय के बाद श्री राम प्रभु पर नाराजगी प्रकट करना। राम प्रभु के द्वारा सुग्रीव को समझना, आप दोनों भाइयों की शक्ल एक जैसी है,इसलिए मैं तीर नहीं चल पाया। राम प्रभु के द्वारा सुग्रीव को माला देना व पुनः बाली को युद्ध की चुनौती के लिए भेजना। जिसमें राम प्रभु के बाण से बाली की मृत्यु होना ।रानी तारा को राम प्रभु के द्वारा सांत्वना देना व समझना। सुग्रीव का राजतिलक व युवराज के पद पर अंगद की घोषणा। चातुर्मास का समय बित जाने के पश्चात भी सुग्रीव का राम से मिलना के लिए ना जाना। राम प्रभु के द्वारा लक्ष्मण को सुग्रीव के पास भेजना। सुग्रीव को हनुमान जी के द्वारा वचन का ध्यान दिलाना। राज दरबार में लक्ष्मण जी का प्रवेश करना व राजा सुग्रीव पर वचन भंग करने के लिए उन पर क्रोधित होना। सुग्रीव का श्री राम प्रभु के पास जाना माता सीता की खोज के लिए योजना बनाना महाबली हनुमान ,अंगद नल, नील के नेतृत्व में विभिन्न दिशाओं में अपनी सेना के सैनिकों को भेजना, भगवान राम के द्वारा हनुमान जी को निशानी के तौर पर अपनी मुद्रिका देना हनुमान जी का लंका में प्रवेश करना । रावण के छोटे भाई विभीषण से भेंट होना । माता सीता का विभीषण के द्वारा हनुमान जी को पता बतलाना के दृश्य व प्रसंगों ने जनता का मन मोह लिया। अशोक वाटिका में लंकापति रावण का क्रोधित रूप में प्रवेश करना , माता सीता को अपना भय दिखलाना। सीता रावण के संवाद ने उपस्थित जन समूह को भाव विभोर कर दिया रावण के द्वारा माता सीता को प्रलोभन देना, सीता के द्वारा सभी प्रकार के प्रलोभनों को अस्वीकार कर ठुकरा देने पर रावण का उत्तेजित होकर कर अपनी खड़ग म्यान से निकालना । त्रिजटा के द्वारा रावण को रोकना व समझना की आप जैसे पराक्रमी को स्त्री पर शस्त्र उठाना शोभा नहीं देता। मैं सीता को समझा दूंगी आप मुझे समय दीजिए। रावण के अशोभनीय व अमानवीय व्यवहार से दुखी माता सीता के मन में आत्महत्या का विचार जागृत होने के दृश्य व संवादों ने उपस्थित जनसमूह को झकोरकर रख दिया। रावण के संवादों की बुलंद आवाज से चारों ओर सन्नाटा छा गया। वहीं माता सीता की दुखी दिशा को देखकर मातृशक्ति की आंखों से आंसू की धारा बह निकली। हनुमान जी ने श्री राम प्रभु के द्वारा दी गई मुद्रिका माता सीता के समीप गिरा दी । जिसे देखकर माता सीता अचंभित हो गई । श्री राम प्रभु की ये मुद्रिका यहां पर कैसे आई है । हनुमान जी का माता सीता के समक्ष हाजिर होना। सीता माता के द्वारा उसे मायावी समझना हनुमान जी के द्वारा अपना परिचय देना। हनुमान जी के द्वारा अशोक वाटिका को उजाड़ना, रक्षकों व मालियों को मारना । रक्षको का लंकापति को सूचना देने के लिए जाना। माली व मालन का हास्य व्यंग्य चित्रण में जनता को लोटपोट कर दिया। रक्षकों के द्वारा रावण को अशोक वाटिका की स्थिति से अवगत कराना। रावण के द्वारा अपने पुत्र अक्षय कुमार को हनुमान जी को पकड़ कर लाने का आदेश देना। हनुमान अक्षय कुमार के मध्य भीषण युद्ध का होना युद्ध में अक्षय कुमार का वीरगति को प्राप्त होना । सैनिकों के द्वारा अक्षय कुमार की वीरगति की सूचना महाराजा रावण को देना, हनुमान जी के इस कृत्य के दंड देने के लिए रावण के द्वारा मेघनाथ को अशोक वाटिका भेजना, मेघनाथ व हनुमान जी के मध्य भंयकर भीषण युद्ध का होना, मेघनाथ के द्वारा छल से हनुमान जी को ब्रह्मपाश में बांधना के प्रसंग व दृश्यों ने जनता को रोमांचित कर दिया।

मंच संचालन की विशिष्ट शैली : रजत जैन ने अपनी विशिष्ट शैली के चलते आपकी प्रेम व सौहार्द के पुराने किस्से व कार्यक्रमों में आपसी सहयोग व समर्पण भाव के स्मरण को सुनाकर जनता को रोमांचित व प्रफुल्लित कर दिया।

जन्मदिन की दी शुभकामनाएं : जैसे ही रात्रि के 12 बजे थोड़ी देर के लिए रामलीला का आयोजन रोक दिया गया श्री रामलीला विकास कमेटी नगीना के अध्यक्ष कमल शर्मा व उनकी कमेटी ने समाजसेवी राजत जैन को उनके जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दी तो उपस्थित जनसमूह ने भी हैप्पी बर्थडे टू यू का गाना गाकर व तालियां बजाकर रजत जैन को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दी । इसके अलावा रावण का किरदार निभाने वाले रोहित शर्मा को भी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दी।

इन्होनें निभाऐ किरदार : रावण -रोहित शर्मा, राम- मुकेश शर्मा, लक्ष्मण – पवन भटनागर, सीता-सागर गोयल, हनुमान- ओमकार साहू, इंद्रजीत -महेन्द्र मास्टर, अक्षय कुमार-विकास दक्ष, विभीषण – अजयवीर, मंत्री व त्रिजटा- सतीश प्रजापत,मंत्री व माली -राकेश प्रजापत,मालन -हरीश कालरा सुग्रीव-सुभाष सैनी, बाली – दीपक कालरा, अंगद – विक्की भटनागर नृत्यांगना व गायिका -अमित जांगडा, ने अपने अपने पात्रों के अनुसार दमदार कला (अभिनय) के माध्यम से किरदार निभाकर जनता को रोमांचित कर दिया।

इस अवसर पर रामलीला विकास कमेटी नगीना के अध्यक्ष कमल शर्मा, कोषाध्यक्ष गोविंद दुबे, सचिव ओमकार साहू, संरक्षक सतपाल सैनी, नितिन दुबे,प्रभु दयाल गंभीर, पूर्व पंच प्यारे लाल,पंडित जगन शर्मा, परसराम सैनी, सर्वजातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष रजत जैन, मोनू शर्मा, शेर सिंह सैनी,लखपत कोहली,गिर्राज गजमोती,आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *