पक्षीराज जटायु व निषादराज के चरित्र से हूँ प्रभावित : रजत जैन 

0

-पक्षीराज ने नारी के सम्मान के लिए महापराक्रमी रावण से किया युद्ध 
-मित्रता निभाने के लिए अयोध्या की सेवा से लड़ने के लिए तैयार हो गए निषाद राज
-नारी के सम्मान व चरित्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों का कर दिया बलिदान पक्षीराज 
City24news/अनिल मोहनिया

नूंह | रामायण को आप किस रूप में देखते हैं रामायण मात्र ग्रंथ ही नहीं बल्कि जीवन की सत्यता पर आधारित एक सत्य सार्थकता है। उक्त विचार रामलीला कमेटी नगीना के पूर्व सचिव रजत जैन ने साक्षात्कार देते हुए कहीं रामलीला पर संक्षेप में बातचीत:-

प्रश्न: रामायण की प्रमाणिकता पर आपके क्या विचार है?

उत्तर: रामायण को किसी भी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है रामायण स्वामी एक प्रमाण है यह सत्य पर ही आधारित है जो भगवान श्री राम की लीला का वर्णन करती है।

प्रश्न: आप जीवन में रामायण को किस रूप में लेते हैं ?

उत्तम: अगर हम रामायण की बातों व विचारों को अपने जीवन मे धारण कर लें तो परिवार व समाज में उत्पन्न से सभी समस्याओं का स्वत: ही समाधान होकर समाप्त हो जाएगी।

 प्रश्न : रामायण में आप सबसे ज्यादा किस पात्र से प्रभावित है ?

उत्तर : वैसे तो रामायण में प्रत्येक पात्र का अपना विशेष महत्व व स्थान है।फिर भी में व्यक्ति गत रुप से पक्षीराज जटायु व निषादराज के पात्र से सबसे ज्यादा प्रभावित हूं।क्योंकि पक्षीराज जटायु ने नारी के मानसम्मान व उसकी मर्यादा की रक्षा के लिए महापराक्रमी राजा रावण से भी युद्ध कर अपने प्राणों का खुशीखुशी बलिदान कर दिया ।वही निषाद राज अपनी मित्रता को निभाने के लिए भरत सहित अयोध्या की विशाल सेना से युद्ध के तैयार हो गये।

प्रश्न : भरत को आप किस रुप मे देखते हैं?

उत्तर : भरत जैसा भाई मिलना सम्भव ही नहीं असम्भव है, जिन्होंने अपने भाई के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर दिया। वह तप त्याग तपस्या की मूर्ति थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *