नगीना की रामलीला की आन बान शान है रावण का किरदार

-नगीना की रामलीला की जान है रावण का किरदार
-रावण के किरदार के बिना अधूरी है रामलीला
City24news/सुनील दीक्षित
नूंह | रामलीला के रंगमंच पर प्रत्येक पात्र के अभिनय के किरदार का अपना अपना आकर्षण व महत्त्व होता है।कस्बा नगीना में होने रामलीला लेखक जसवंत सिंह की रामायण पर आधारित है।जो खड़ी बोली व सांग शैली (तरीका) पर आधारित है।रामलीला के रंगमंच पर रामलीला के मंचन पर पराक्रमी बलशाली, विद्वान बुद्धिमान , गठीला शरीर रावण का किरदार अपनी विशिष्ट शैली के कारण नगीना की रामलीला की आन बान शान बना हुआ है। वैसे तो प्रतिदिन रामलीला को देखने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ आती है लेकिन जिस दिन रावण का दरबार लगता है उसे दिन रावण की अदाकारी को देखने के लिए भीड़ में कई गुणा वृद्धि हो जाती है। रावण का किरदार को निभाने वाले पात्र रोहित शर्मा रावण के किरदार को अपने जीवन में उतारकर उसे जीवंत कर देते हैं। राजा लंकेश के सिंहासन पर रावण रोहित शर्मा जब अपने निराले अंदाज में तिरछे बैठते हैं ,रोबिला अंदाज, बुलंद आवाज, मजबूत कदकाठी, गठीला शरीर, नशीली आंखें, जोशीला जोश ,रोबीली आवाज रावण के इस विशेष अभिनय के कारण रामलीला मंचन में चार चांद लगा देता हैं। रावण की दमदार आवाज अंदाज से सारा वातावरण कंपनमय हो जाता हैं। जिसकी वजह रामलीला के अन्य पात्रों के अभिनय पर वह भारी नजर आते हैं। वैसे तो रावण के कई महत्वपूर्ण संवाद है लेकिन उनके कुछ संवादों के अंश इस प्रकार है।:-
वो काटे नाक कान तेरे,जिंदा रहे जमाने में।
टूट जाऐ ये भुजाऐं मेरी,लालत हैं शस्त्र उठाने में।।
काला हूं गजब हूं, शरारत हूं चाल में।
फरिश्तों को भी बांध लेता हूं, अपने जाल में।।
जब यह संवाद रावण अपनी विशेष अधिकारी के साथ मंच से कहते हैं तो सारा परिसर तालिया के गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो जाता हैं। उपस्थित जनसमूह का रोम रोम खिल जाता है। नन्हे मुन्ने बच्चे तो कई बार रावण की कड़क आवाज डर जाते हैं ओर डर के मारे रोने लगते हैं। ऐसा मनमोहक मनभावन मार्मिक है नगीना की रामलीला के रावण का चरित्र जो जनता को अपनी मनमोहक अदाकारी के बल पर मंच तक खींच लाता है।
विभिन्न किरदारों को निभा चुके हैं रोहित :- रोहित शर्मा रामलीला के मंचन में युवराज मेघनाद, किष्किंधा नरेश बाली, इंद्रदेव, भगवान विष्णु ,दैत्य सुबाहु ,दैत्य दूषण आदि पात्रों के किरदारों को अपनी श्रेष्ठ अदाकारी से जीवंत कर अन्य कलाकारों को लिए प्रेरणास्रोत का कार्य कर रहे हैं।
आकर्षक का केन्द्र :- वास्तविक जीवन में रावण रोहित शर्मा के पिता मुकेश शर्मा लगभग 30 वर्षों से भगवान श्री राम के पात्र की भूमिका में किरदार का निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन जब राम रावण का रामलीला में अपने-अपने चरित्र को लेकर एक दूसरे के आमने-सामने होते हैं तो अभिनय की क्षमता भी दोनों की कई गुणा बढ़ जाती है और दोनों ही कलाकार अपने पात्र व किरदारों सर्वश्रेष्ठ अभिनय देने का प्रयास करते हैं जो रामलीला के मंचन का आकर्षण का केंद्र बन जाता है।