स्वच्छता अभियान के तहत गांव पिनगवां में चलाया सफाई अभियान 

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– गांव के मुख्य स्थानों से कूड़े के ढेरों को ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर हटाया गया 
– स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की टीमों द्वारा गांव-गांव में चलाया जा रहा है स्वच्छता ही सेवा अभियान
City24news/अनिल मोहनिया

नूंह | डीसी अखिल पिलानी के मार्गदर्शन में जिला नूंह में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत स्वच्छता ही सेवा अभियान पूरी सक्रियता के साथ चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत आगामी 2 अक्टूबर तक स्वच्छता व सफाई अभियान की विभिन्न गतिविधियां चलाई जाएंगी। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत रविवार को गांव पिनगवां में मैन रोड, पुन्हाना रोड, अनाजमंडी के पीछे के रास्तों की विशेष सफाई करवाई गई। इस दौरान स्वच्छ भारत मिशन की टीमों ने गांव पिनगवां के मुख्य स्थानों से ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर कूड़े के ढेरों को हटाया। गांव में कूड़े के ढेर हटाने का अभियान पूरा दिन चला। इस अभियान में कई स्थानों पर ग्रामीणों ने भी सहयोग दिया। इस मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की टीमों ने स्थानीय लोगों को भी जागरूक किया और स्वच्छता को अपनी आदत बनाने का संदेश दिया।

बीडीपीओ सुरजीत सिंह ने इस अवसर पर ग्रामीणों को जागरूक किया कि प्रत्येक ग्रामीण का यह कर्तव्य है कि वह अपने घर और आसपास साफ-सफाई रखे। यदि हम कूड़े-कचरे का उचित निपटान करेंगे तो हमारे गांव साफ़-स्वच्छ बनेंगे और हमारे आसपास का वातावरण स्वच्छ बनेगा। हमारे आसपास की गंदगी से बीमारियां पनपती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, इसलिए स्वच्छता को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता केवल इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि पर्यावरण और पशु-पक्षियों के लिए भी जरूरी है। सभी ने इस अवसर पर संकल्प लिया कि भविष्य में वे स्वच्छता बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य लोगों में सेवा भाव और स्वच्छता के प्रति सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देना है। इसी क्रम में 25 सितंबर को “एक दिन, एक घंटा, एक साथ” नामक राष्ट्रव्यापी श्रमदान गतिविधियां आयोजित होंगी। इन गतिविधियों का मकसद लोगों को एक साथ जोड़कर स्वच्छता के लिए कम से कम एक घंटे का श्रमदान करवाना है।

बीडीपीओ ने कहा कि जिले की सभी ग्राम पंचायतों में आगामी 2 अक्टूबर तक स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, प्रत्येक जिले से पांच ग्राम पंचायतों को स्वयं को प्लास्टिक मुक्त घोषित करना होगा। यह पहल ग्रामीण समाज में स्वच्छता के महत्व को मजबूत करेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराएंगी।

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