बेटियों की शिक्षा की अलख जगाने वाली सबिया को मिलेगा नेशनल अवार्ड

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राह ग्रुप फाउंडेशन के अवार्ड से उनके जीवन की उपलब्धियों को मिलेगी वैश्विक पहचान  
-5 अक्टूबर 2025 को श्रीनगर में होगा सम्मान समारोह
सरकारी स्कूल की बेटियों के लिए दो बसें लगवा कर दिखाई थी शिक्षा की नई राह
City24news/अनिल मोहनिया
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ला की हिन्दी अध्यापिका प्रवक्ता (पीजीटी) सबिया को कन्या शिक्षा के क्षेत्र में किए गए सराहनीय योगदान के लिए राह ग्रुप फाउंडेशन की ओर से “ग्लोबल रोल मॉडल अवार्ड” से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह सम्मान 5 अक्टूबर 2025 को श्रीनगर में आयोजित होने वाले भव्य समारोह में प्रदान किया जाएगा। सबिया का जन्म पलवल के हथीन में हुआ, उनके पिता अब्दूल गनी मार्केटिंग बोर्ड में एसडीओ पद से सेवानिवृत्त हैं और मां आयशा एक समाजसेविका है। जिनसे प्रेरित होकर उन्होंने बेटियों की शिक्षा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। यह जानकारी देते हुए राह ग्रुप फाउंडेशन के चेयरमैन नरेश सेलपाड़ ने बताया किपीजीटीअध्यापिका सबिया ने नूंह में कन्या शिक्षा को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान दिया है। बालिका शिक्षा वाहिनी अभियान के तहत सबिया ने सरकारी बसें लगवाकर दूर-दराज की बच्चियों को स्कूल तक पहुंचने की जो राह दिखाई, पूरा प्रदेश उसकी मॉडल पर चल रहा है।

मेवात विकास एजेंसी से बदलाव की शुरुआत

अध्यापिका सबिया ने वर्ष 2004 में मेवात डेवलपमेंट एजेंसी के साथ कार्य करते हुए शिक्षा सुधार की शुरुआत की। खेड़ला और पलड़ी गांव में कई बच्चियां स्कूल छोड़ चुकी थीं, जिन्हें सबिया ने नि:शुल्क पढ़ाकर फिर से शिक्षा से जोड़ा। उन्होंने सरकारी बस सेवा शुरू करवाने की पहल की, जिससे कि दूर-दराज़ की बच्चियां भी स्कूल आ सकीं।

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जमीनी प्रयासों से बदली नगीना स्कूल की तस्वीर

तत्कालीन कार्यवाहक प्रधानाचार्या सबिया के प्रयासों से नगीना की जर्जर स्कूल बिल्डिंग को शिफ्ट करवाया गया। नए और सुरक्षित माहौल ने बच्चियों का विश्वास लौटाया। उनके जज्बे का ही परिणाम था कि दो साल के भीतर स्कूल की छात्र संख्या दोगुनी हो गई और कक्षा 6वीं से 12वीं तक की बच्चियां बड़ी संख्या में पढ़ाई करने लगीं।

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बेटियों को दिया भयमुक्त शिक्षा का माहौल

हिन्दी पीजीटी अध्यापिका सबिया ने पुलिस प्रशासन के सहयोग से नगीना गर्ल्स स्कूल में भयमुक्त वातावरण तैयार किया। बेटियों को स्कूल से लाने व ले जाने के लिए बालिका शिक्षा वाहिनी के तहत बस सेवा शुरू करवाई, जिससे ग्रामीण बच्चियां निडर होकर स्कूल आने लगीं। यह पहल मेवात क्षेत्र में बालिका शिक्षा की दिशा में एक मिसाल बनी।

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ड्रॉपआउट बच्चियों को शिक्षा से जोड़ा

चेयरमैन नरेश सेलपाड़ के अनुसार अध्यापिका सबिया ने घर-घर जाकर अभियान चलाया और नगीना व आस-पास के की दर्जनों ड्रॉपआउट बच्चियों का फिर से एडमिशन करवाया। उनकी मेहनत से केवल नगीना में ही 350 लड़कियों को दोबारा स्कूल भेजा गया। उन्होंने सहगल फाउंडेशन के साथ मिलकर “बालिका शिक्षा वाहिनी” में मार्गदर्शक की भूमिका निभाई और शिक्षा की लौ और तेज की।

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 सम्मान और उपलब्धियां

सबिया को कन्या शिक्षा में योगदान के लिए जिला स्तर पर दो बार और प्रदेश स्तर पर एक बार सम्मानित किया जा चुका है। अब राह ग्रुप फाउंडेशन द्वारा उन्हें *नेशनल ग्लोबल अवार्ड* से सम्मानित किया जाना पूरे नूंह जिले के लिए गौरव की बात है। अब उनके जीवन की उपलब्धियों को वैश्विक पहचान मिल रही है, जब श्रीनगर में उन्हें ग्लोबल अवार्ड से नवाजा जा रहा है। 

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