रातभर हुई 74 एमएम बारिश, उमसभरी गर्मी से कुछ हद तक मिली राहत

-कपास-बाजरे की फसल पर छाई रोनक
-उन्हाणी के समीप रामपुरी रजवाहे के लीकेज साइफन से खराब हो रहे सडक के हालात
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना क्षेत्र में के समय हुई मानसून की 74 एमएम बारिश के बाद उमसभरी गर्मी से कुछ हद तक राहत मिली है वहीं खेतों में कपास व बाजरे लहलहाने से किसानों में खुशी की लहर दौड गई है। सिंचाई के अभाव में ये फसल मुरझाने लगी थी। उपमंडल कृषि अधिकारी डाॅ अजय यादव ने बताया कि कनीना ब्लाक में करीब 33 हजार हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से करीब 20484 हैक्टेयर में बाजरा, 8114 में कपास, 674 में हरा चारा, 116 में ग्वार सहित अरहर, तिल आदि की खेती की गई है। जो दुरूस्त हालत में खडी है। बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई है। दूसरी ओर बारिश के चलते उन्हाणी के समीप रामपुरी रजवाहे के लीकेज साइफन के स्थान पर हालात खराब होते जा रहे हैं, अटेली मोड, बस स्टैंड सहित विभिन्न निचले स्थानों पर पानी जमा हो गया। जिससे यात्रियों व वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। लोक निर्माण विभाग की ओर से बीते वर्ष सडक के दोनों ओर बनाए गए नाले तक दुकानदारों द्वारा मिट्टी डाले जाने से सडक पर जलभराव हो गया। जिसे लेकर स्थानीय नागरिकों ने उपमंडल एवं नगरपालिका प्रशासन से पानी निकासी की गुहार लगाई है। बारिश का पानी जमा होने से सडक टूटने लगी है।
नगरपालिका कनीना की चेयरपर्सन डाॅ रिंपी लोढा ने कहा कि मानसून से पूर्व उनकी ओर से नालों की सफाई करवाने के साथ-साथ जोहडों की छटाईं करवाई गई थी। लोक निर्माण विभाग की ओर से नाले का कार्य अधूरा छोडने से मुख्य मार्ग पर पानी भर जाता है। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की ओर से सीवरेज सिस्टम को चुस्त-दुरूस्त नहीं किया गया। जिससे हालात बिगडने की संभावना है। हालांकि नपा की टीम जलभराव वाले प्वाईटों पर नजर रख रही है। उनकी ओर से सडक पर पानी नहीं ठहरने देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है ।
कनीना-कनीना-महेंद्रगढ स्टेट हाईवे-24 पर जमा हुए बारिश के पानी का दृष्य।