श्रीमद्भगवद्गीता की आरती के साथ संपन्न हुआ दो दिवसीय गीता महोत्सव

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  • गीता पढने से प्राप्त लाभ की परिकल्पना नहीं, सभी को श्रीमद्भगवद्गीता पढऩे के लिए किया प्रेरित
  • जिला स्तरीय गीता महोत्सव के सफल आयोजन के सहयोगियों व कलाकारों को किया सम्मानित 
city24news@ऋषि भारद्वाज

पलवल | जिला प्रशासन व सूचना जन संपर्क एवं भाषा विभाग के तत्वावधान में नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्टेडियम में 22 व 23 दिसंबर को आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय गीता महोत्सव-2023 का समापन शनिवार को श्रीमद्भगवद्गीता की आरती के साथ संपन्न हुआ। समापन समारोह की मुख्य अतिथि जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी उपमा अरोडा ने विधिविधान से गीता पूजन किया। गीता महोत्सव के समापन दिवस पर श्रीमद्भगवद्गगीता की नगर शोभा यात्रा आयोजन स्थल नेताजी सुभाष स्टेडियम में पहुंची, जहां कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीडीपीओ उपमा अरोड़ा ने श्रीमद्भगवद्गीता को अपने सिर पर धारण कर मंच पर पुन: विराजमान किया। डीडीपीओ उपमा अरोड़ा ने जिला में बाहर से आए अतिथियों का अभिनंदन करते हुए सभी को गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता किसी धर्म विशेष से संबंधित न होकर जीवन की राह को दर्शाती है। गीता में जीवन के मूल उद्देश्य को बताया गया है। गीता हमें अपने कर्तव्यों के प्रति उन्मुख रहने की प्रेरणा देती है। जीवन में संघर्ष करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के तरीके को समझाती है। गीता के इसी महत्व को देखते हुए न केवल भारत वर्ष अपितु पूरे विश्व में गीता जयंती मनाई जा रही है, क्योंकि मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। श्रीमद्भगवद्गीता हमारी मार्गदर्शक है, जो हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है। गीता का ज्ञान हर जन-जन तक पहुंचे इसी उद्देश्य के साथ प्रतिवर्ष गीता महोत्सव का आयोजन किया जाता है। सरकार का उद्देश्य लोगों तक गीता के संदेश को पहुंचाने का प्रयास सफल हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज के भौतिकवाद के युग में गीता के संदेश का अनुसरण करना व युवा पीढ़ी के लिए गीता का ज्ञान रखना बहुत जरूरी है। गीता के ज्ञान से आध्यात्मिक शांति की अनुभूति होती है। उन्होंने सभी से आह्वïान करते हुए कहा कि सभी श्रीमद्भगवद्गीता को पढने की आदत डालें। गीता के श£ोकों का उच्चारण करें। गीता के महत्व को जानें, उनके भाव को समझें, तभी मानव जाति का कल्याण संभव है। गीता के पठन व ज्ञान अर्जन से जो लाभ मानव को प्राप्त होता है, उसकी परिकल्पना करना संभव नहीं है। उन्होंने गीता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भक्तिमय प्रस्तुतियां देने वाले स्कूली विद्यार्थियों व कलाकारों की भी मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने गीता जयंती महोत्सव के भव्य आयोजन में अपना अहम भूमिका निभाने पर जिला प्रशासन, धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं व स्टॉल लगाने वाले विभागों का धन्यवाद व हार्दिक आभार प्रकट किया।
गीता महोत्सव में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल ने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीडीपीओ उपमा अरोडा सहित अन्य सभी अतिथियों का स्वागत व्यक्त करते हुए कहा कि हमें गीता के उपदेशों का अपने जीवन में अवश्य अनुसरण करना चाहिए। गीता का ज्ञान अद्भुत है। इसके अनुसरण करने से गीता का ज्ञान हमें अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर करता है। बुराईयों को दूर कर अच्छाईयों की ओर ले जाता है। हमारा दायित्व बनता है कि हम अपने व्यक्तिगत जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेशों का जरूर अनुसरण करें। श्रीमद्भगवद्गीता में ख्याति प्राप्त विद्वानों ने सेमीनार के माध्यम से अपने-अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के समापन अवसर पर उन्होंने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में शामिल हुए सभी विभागों, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों, स्कूली बच्चों व कलाकारों, प्रवक्ताओं को सम्मानित भी किया गया। इस दौरान मंच का संचालन बहुत सुंदरता व कुशलता के साथ विख्यात एंकर डा. सम्पत शास्त्री ने किया। इस अवसर पर जिला परिषद के डिप्टी सीईओ प्रदीप कुमार, उप जिला शिक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह तंवर, खंड शिक्षा अधिकरी मामराज रावत, ज्योतिषाचार्य कुलदीप शास्त्री, श्रीकृष्ण कृपा धाम, जियो गीता, प्रजापित ब्रह्मïकुमारी सहित धार्मिक एवं सामाजिक और शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि व गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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