कामधेनु आरोग्य संस्थान में वन महोत्सव एवं निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित।

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह |जिला नूँह के उपमंडल तावड़ू अंतर्गत गाँव बिस्सर अकबरपुर स्थित कामधेनु आरोग्य संस्थान में वन महोत्सव एवं निःशुल्क चिकित्सा शिविर का हुआ आयोजन ।
कामधेनु गोधाम में आज वन महोत्सव के साथ-साथ निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया । इस अवसर पर संस्थान में मुख्य अतिथि महेश गर्ग बेधड़क, आई.आर.एस,चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर तथा एडिशनल सेक्रेट्री, मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे,आशीर्वचन जयपुर निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य नर्मदा शंकर पुरी जी महाराज एवं पूज्य योगी बालक नाथ जी, शिव गोरखनाथ गौशाला, नियामतपुर मोड, नारनौल, हरियाणा, अतिविशिष्ट अतिथि प्रदीप गुलिया एच.एफ.एस, डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर, नूँह व मुख्य वक्ता एवं निःशुल्क ई.एन.टी शिविर आयोजक डॉ. अरुण कुमार व विशिष्ट अतिथि अशोक बुवानीवाला, प्रदेश अध्यक्ष, अग्रवाल वैश्य समाज हरियाणा एवं डॉ. डीपी गोयल, संस्थापक, कैनविन फाउंडेशन, गुरुग्राम तथा हरियाणा राज्य और देश के अनेक महानुभाव उपस्थित रहे ।
हवन से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । हवन का संचालन आदर्श गर्ग ने किया । हवन प्रथा के अनुसार जुलाई मास में जिन लोगों के जन्मदिवस, शादी की वर्षगांठ एवं पुण्यतिथि थी, उनके नाम से अग्नि देव को आहुति अर्पित की गई तथा समस्त मानव जाति के हित में सुख-शांति के लिए प्रार्थना की गई।
निःशुल्क ई.एन.टी चिकित्सा शिविर का उद्घाटन तथा शुभारम्भ डॉ. अरुण अग्रवाल ने सभी अतिथियों के साथ मिलकर किया ।
स्वागत कार्यक्रम में महेश गर्ग बेधड़क का स्वागत श्याम सुंदर गुप्ता, प्रियंक गुप्ता, दीपक जैन ने, आचार्य नर्मदा शंकर पुरी जी महाराज का डॉ. एस.पी.गुप्ता, पुरेन्दर गोयल, ऊषा गर्ग ने, योगी बालक नाथ जी का नरेश गुप्ता, अञ्जू गुप्ता, डॉ. सविता उपाध्याय ने, डॉ. अरुण कुमार का शशि गुप्ता ,राजबीर सरंच, नवीन बंसल ने, अशोक बुवानीवाला का रुचिर गुप्ता, डिम्पल गुप्ता, अमित बिस्सर ने, ब्रह्म दत्त का आचार्य मनीष शर्मा, सुनील जिंदल, पवन जादू ने, डॉ. डीपी गोयल का महावीर वोहरा, दिनेश गुप्ता, प्रमोद गर्ग ने तुलसी का पौधा, कामधेनु स्मृति चिन्ह एवं संस्थान में पंचगव्य निर्मित घी का गिफ्ट पैक भेंट करके किया ।
संस्थान के संस्थापक डॉ एस. पी. गुप्ता ने सभी अतिथियों का परिचय करवाते हुए गोधाम के कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद किया एवं कामधेनु संस्थान के अन्तर्गत कामधेनु आरोग्य वैलनेस संस्थान(के.ए.डब्ल्यू.एस) के विषय में तथा उसमें संचालित कार्यों के बारे में सभी अतिथियों को विस्तार से बताया और कहा कि कल्पवृक्ष के नीचे एवं कामधेनु गौ माता के कान मे अपनी मनोकामना करने से वह जल्द ही पूर्ण होती है । स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए यहां सभी प्रकार की सुविधाएं हैं जिनका सभी लाभ उठाएं एवं सभी की आस्था को देखते हुए यहां मंदिर का निर्माण भी किया जा रहा है । उन्होंने सभी से ज्यादा से ज्यादा पौधे लगा कर प्रकृति को सुरक्षित रखने मे अपना योगदान देने का अनुरोध भी किया ।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि पहले डॉ. एस.पी.गुप्ता प्रशासनिक अधिकारी थे और आज इस संस्थान का संचालन कर रहे हैं । वे निरन्तर इस प्रकार के सेवाकार्यों में लगे रहते हैं । मेवात के इस क्षेत्र में इस प्रकार के संस्थान का निर्माण तथा संचालन बहुत प्रशंसनीय बात है जिसके लिए मैं अभिनन्दन करता हूँ तथा आशा करता हूँ कि यहाँ आकर लोग गोसेवा तथा स्वास्थ्यलाभ लेंगे ।
डॉ. अरुण अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में इस कामधेनु गोधाम एवं आरोग्य वैलनेस संस्थान के संचालन के लिए डॉ. एस.पी.गुप्ता तथा शशि गुप्ता की प्रशंसा करते हुए कहा कि डॉक्टर को स्वयं के अनुसार नहीं अपितु मरीज़ के अनुसार बर्ताव करना चाहिए क्योंकि हमारे लिए प्राथमिकता मरीज़ ही है । उन्होंने कहा कि आजकल बीमारियाँ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रहीं हैं जिसका मुख्य कारण है – दिनचर्या का ठीक ना होना । यदि हम अपनी दिनचर्या सुधार लेंगे तो आधी बीमारियाँ तो वैसे ही समाप्त हो जाएंगी ।
मानस तत्व अनुसन्धान केन्द्र बहरोड़ से आए पंडित अशोक वोहरा ने अपने वक्तव्य में सनातन संस्कृति के प्रति आदर्श तथा गोसेवा के द्वारा सम्पूर्ण जगत की सेवा कर रहे डॉ. एस.पी. गुप्ता की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार शास्त्रों में कहा गया है कि यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे अर्थात् ब्रह्माण्ड का दर्शन करना हो तो इस पिण्ड यानि शरीर का दर्शन अंदर तथा बाहर से कर लो, उसी प्रकार समपूर्ण चराचर जगत के दिव्य तथा अलौकिक दर्शन करना है तो गोमाता का दर्शन कर लीजिए ।
बिप्र धेनु सुर संत हित, लीन्ह मनुज अवतार।
निज इच्छा निर्मित तनु, माया गुन गो पार॥
इस भजन से उन्होंने अपने वक्तव्य को समाप्त किया ।
योगी बालक नाथ जी ने अपने सम्बोधन में बताया कि गोसेवा सभी को करनी चाहिए और पंचगव्य का ही हमें अपने दैनिक जीवन में उपयोग करना चाहिए।
महेश गर्ग बेधड़क जी ने अपने वक्तव्य में डॉक्टर एस पी गुप्ता और शशि गुप्ता जी के अथक प्रयासों कि सराहना की और बताया कि उनके प्रयासों के कारण ही कामधेनु संस्थान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर रहा है। उन्होंने बताया कि बांसुरी के सुर बजाने वाले के नहीं होते वो उसके अपने होते है। उन्होंने गोपालदास नीरज के दोहे “आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य, मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य” को गाकर बताया कि इसमें मानवता का उद्देश्य छिपा हुआ है। उन्होंने अपनी स्वरचित कविताओं को गाकर सुनाया जिससे सभी गोभक्त मंत्रमुग्ध हो गए।
महामंडलेश्वर जी ने अपने वक्तव्य कि शुरुआत इन श्लोको से की :
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने । प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः॥
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे । रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः ॥
भक्त भक्ति भगवंत गुरु चतुर नाम बपु एक। इनके पद बंदन किएँ नासत विध्न अनेक ।।
बर्हपीडं नटवरवपु: कर्णयो: कर्णिकारं , बिभ्रद वास: कनककपिशं वैजयंती च मंगलम्।
रन्ध्रान् वेनोर्धरसुधया पुरयन्गोपवृन्दै-रवृन्दारण्यं स्वपद्रमणं प्रविषद् गीतकीर्ति:॥
उन्होंने बताया कि ऐसी पवित्र जगह जाने का सौभाग्य परमात्मा की कृपा से ही प्राप्त होता है। भगवान को अपने भक्त सबसे प्रिय लगते है । भक्तो देखना चाहिए कि वो अपने सामाजिक , पारिवारिक, राष्ट्रीय और आध्यात्मिक दायित्व ठीक तरह से निर्वाह कर रहे है । लक्ष्मी अर्थात धन दो तरह से जीवन में आती है। जब वह उल्लू पर बैठ कर आती है तो घर में उपद्रव होता है और जब वो नारायण के साथ गरुड़ पर बैठ कर आती है तो घर में कथा होती है, शांति रहती है, तीर्थ यात्रा होती है और सभी कर्म शुभ होते है । जिस तरह से मुट्ठी में से रेट फिसलती रहती है उसी तरह शरीर भी धीरे धीरे क्षीण होता रहता है । अतः सभी शुभ कर्म करें। अंत में उन्होंने सभी के लिए शुभकामना की कि सभी स्वस्थ रहे, मस्त रहे, व्यस्त रहे।
वी पी गोयल जी ने गोमाता की जय से अपने सम्बोधन की शुरुआत की । उन्होंने बताया कि हम अपने मनुष्य जीवन को देश के लिए कैसे उपयोगी बनाएं उसका सर्वोत्तम उदहारण डॉ एस पी गुप्ता और शशि गुप्ता जी है। उनकी सेवा भावना अतुलनीय है । जिस तरह हम अपनी आय का एक भाग आयकर के रूप में देते है उसी तरह अपनी आय का एक भाग सभी को शुभ सेवा कार्यो, गोसेवा और धर्म के कार्य में जरुर लगाना चाहिए। उन्होंने बताया कि संगठन, सेवा, समर्पण इत्यादि शुभ लक्षणों को ध्यान में रखकर ही कैनविन फाउंडेशन कार्य करती है ।
अंत में संस्थान की उपाध्यक्ष शशि गुप्ता जी ने कहा कि संत आपके घर आये, उनका सानिध्य मिले यह जीवन का बहुत बड़ा सौभाग्य है। लक्ष्मी किस तरह आती है वह महत्वपूर्ण है साथ ही साथ लक्ष्मी का उपयोग तीन तरह से होता है : दान, भोग, संग्रह (नाश)। आज के जीवन में हंसना और हँसाना एक बहुत बड़ी कला है ।
सभी गोभक्तों ने संस्थान के प्रांगण में वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया और पौधे लगाए ।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त आई.पी.एस यशपाल सिंघल, अञ्जू गुप्ता, नन्दिनी तिवारी, डॉ. अनुष्का, सुदेश कोहली, रामदेव, अमित गुर्जर, अनुपम गुप्ता, ज़ुबैर मोहम्मद, राज गर्ग, मनीष जादू, डी.पी. सिंह, राजवीर सिंह, डॉ. पूनम शर्मा, मनु शर्मा, हार्दिक, अभिषेक गोयल, राज यादव, अरुण मंगला, पंडित सोहन लाल, ब्रह्म प्रकाश कौशिक, डॉ. मैत्रेयी, मनीष, वंशू, अजय, पायल गुप्ता, डिंपल गुप्ता, नवीन झा (दिल्ली), नरेश, कैप्टन रमेश, तावडू से धर्मवीर गर्ग, राजबीर शर्मा सरपंच, तेजपाल तंवर, सहित क्षेत्रीय गांवों के गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।