गुरूपूर्णिमा के मौके पर समदर्शी योग आश्रम में होगा हुआ हवन व भंडारे का आयोजन

– सनातन धर्म उत्थान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आत्मानंद सरस्वती रहे मुख्यातिथि
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | गुरूपर्णिमा के मौके पर बृहस्पतिवार को समदर्शी योग आश्रम नारनौल में हवन एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस समारोह के मुख्यातिथि सनातन धर्म उत्थान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगतीर्थ स्वामी आत्मानंद सरस्वती थे जिन्होंने हवन में सर्वमंगल कामना की आहुति डाली। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आत्मा को जीवन में एक ऐसा दीप चाहिए जो अंधकार में दिशा दे, संशय में समाधान दे, और गिरने पर उठना सिखाए यही है गुरु की कृपा। गुरु पूर्णिमा का दिन, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। पूर्णिमा के अवसर जब हम अपने जीवन के प्रत्येक मार्गदर्शक को नमन करते हैं। उन्होंने समारोह में दूर-दराज से पंहुचे श्रद्धालुओं के समक्ष कहा कि गुरु सिर्फ वह नहीं जो पढ़ाए, गुरु वह है जो आपके भीतर छुपे प्रकाश को दिखाए। आज के डिजिटल युग में भी, मार्गदर्शन की आवश्यकता उतनी ही अहम है जितनी प्राचीन काल में थी। आश्रम के संचालक हेमंत मुनि ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर्व पर आयोजित इस समारोह में सुबह हवन-यज्ञ व सत्संग प्रवचन करने के बाद भंडारा प्रांरभ किया गया जिसमें केंदीय विश्वविद्यालय के डीन राजेश मलिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक वीरेंद्र सिंह,जिला सैनिक बोर्ड के सचिव विंग कमांडर सतीश यादव, वेटरन फेडरेशन के महासचिव शीशराम यादव, सनातन धर्म उत्थान समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामभगत यादव,उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जितेंद्र धनखड,कानूनी सलाहकार जितेंद्र शर्मा, राष्ट्रीय प्रेस ब्यूरोचीफ सुनील कुमार, सुरेंद्र यादव, हुड्डा सेक्टर के सचिव अमरजीत सिंह, अनिल यादव, प्रशांत यादव, शास्त्री नगर शीशराम, महावीर सिंह नांगल हरनाथ, राकेश चैहान, दीपक कुमार सहित प्रबुधजनों ने हिस्सा लिया। दूसरी ओर श्रावण माह की शुरूआत होने पर शिवभक्त हरिद्धार रवाना हो गए हैं। स्नान करने के बाद कंधे पर कावंड डठाकर पदयात्रा करते अपने-अपने गंतव्य को पंहुचेगें। 23 जुलाई को सावन माह की त्रयोदशी को शिवरात्री के अवसर पर बागोत में कांवड मेले का आयोजन होगा। जिसमें शिवभक्त स्वंभू शिवलिंग पर जलाभिषेक करेगें। मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
कनीना-गुरू पूर्णिमा के अवसर पर समदर्शी योग आश्रम पंहुचे सनातन धर्म उत्थान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगतीर्थ स्वामी आत्मानंद सरस्वती व अन्य।