शहीद के अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब

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  • शहीद के दो वर्षीय पुत्रा मोक्ष कुमार ने किया अंतिम संस्कार

city24news@ऋषि भारद्वाज

होडल | गांव के सैंकड़ों युवाओं द्वारा बाईकों और डीजे द्वारा गांव तक लाया गया शहीद का पार्थिव शरीर। गांव के सैंकड़ों की संख्या शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे महिला पुरुष। गांव भिडूकी निवासी तेजपाल सिंह बीमारी के कारण दिल्ली के आर आर हास्पीटल में शहीद हो गए। वह पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे।
शहीद तेजपाल का रविवार को गांव भिडूकी स्थित सिद्ध बाबा खेल परिसर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम संस्कार में प्रशासन की तरफ से तहसीलदार संजीव नागर,जिला हैड क्वार्टर डीएसपी साकिर हुसैन, सेना अधिकारी मेजर अश्वनी नोटियाल, पूर्व मंत्री करन दलाल,विधायक जगदीश नायर,चरणसिंह तेवतिया,अजीतसिंह बोबी,सत्यदेव गौतम,सरपंच शशीबाला,प्रेम दलाल,देवेश कुमार,डा.नवीन रोहिल्ला,शीशपाल कडडन,योगेंद्र कुमार,महेश कुमार,डा.सतीश कुमार,सुरेस कुमार,जगवीर चौहान,थाना प्रभारी मनोज कुमार सहित सैंकडों गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। तेजपाल के शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव के अलावा आसपास के गावों के सैंकडों युवक होडल पहुंच गए, जहां से शहीद तेजपाल के पार्थिव शरीर को फूल मालाओं से सजी सेना की गाडियों और बाईक रैली के साथ गांव तक ले जाया गया। इस दौरान युवकों द्वारा लगाए गए भारत माता की जय,तेजपाल अमर रहे,वंदे मातरम,जब तक सूरज चांद रहेगा तेजपाल तेरा नाम रहेगा के जयघोस से आसमान गूंज उठा। शहीद तेजपाल के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शनों के लिए गांव के सिद्ध बाबा खेल परिसर में हजारों की संख्या में महिला पुरुषों की भीड उमड पडी। बाद में सेना के दर्जनों जवानों ने शहीद तेजपाल  को सलामी दी, जिसके बाद शहीद के भाई महेश कुमार ने दो वर्षीय मोक्ष कुमार को साथ लेकर शहीद को मुखागनी दी। इस अवसर पर शहीद की माता लीलाबती देवी,पत्नी नीरज,भाई महेश,बहन ऊषा देवी व लक्ष्मी देवी ने भी अंतिम दर्शन कर शहीद को अंतिम विदाई दी।
शहीद के दो वर्षीय पुत्रा मोक्ष कुमार ने किया अंतिम संस्कार
शहीद तेजपाल सन 2016 में सेना में भर्ती हुए थे। वह राष्ट्रीय बटालियन लद्दाक लेह में पैरा कमांडों के पद पर तैनात थे। तेजपाल पिछले कई महीनों से गंभीर बीमारी जूझ रहे थे। शहीद तेजपाल को दो वर्षीय पुत्र मोक्ष कुमार,पत्नी नीरज,माता लीलाबती देवी,भाई महेश,बहन ऊषा व लक्ष्मी देवी हैं। तेजपाल के पिता जीतराम का पहले ही देहांत हो चुका है।

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