बीपीएल कार्ड धारकों को 40 रूपए में दो लीटर मिलने वाले सरसों के तेल को 100 रूपए करके बीजेपी सरकार ने लिया एक और जन विरोधी फैसला: नासिर हुसैन बदरूद्दीन

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह |गरीब परिवारों की जेब पर डाका डालने का काम कर रही भाजपा सरकार 

बीजेपी सरकार की गलत नीतियों के कारण लगातार बढ़ रही महंगाई की सबसे बड़ी मार मध्यमवर्गीय परिवारों, बीपीएल कार्डधारकों और किसानों को पड़ रही है 

बीजेपी हर बार चुनावों में वोट लेने के लिए भोली भाली जनता से तरह तरह के वादे करती है लेकिन जैसे ही सत्ता हाथ लगती है तो जनता से किए सभी वादों को भूल जाती है।

बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री इसी जनता के टैक्स के पैसों से मुफ्त में मिल रही सरकारी सुविधाओं का भरपूर आनंद ले रहे हैं और तोहफे में उसी जनता को दे रहे हैं बदहाली।

जजपा के जिला अध्यक्ष नासिर हुसैन बदरूद्दीन अड़बर ने कहा कि बीजेपी सरकार लगातार जन विरोधी फैसले लेकर प्रदेश के बीपीएल धारकों, मध्यमवर्गीय लोगों और किसानों को प्रताड़ित कर रही है। जबकि इन्हीं लोगों ने बीजेपी की सरकार हरियाणा प्रदेश में बनवाई थी बावजूद इसके इन वर्गों को राहत देने की बजाय परेशानियां पैदा कर रही है। प्रदेश की जनता पहले से ही चार गुना बढक़र आए बिजली के बिलों से त्रस्त थी अब बीपीएल कार्ड धारकों (गरीबी रेखा के नीचे)को जो सरसों का तेल सस्ते दामों में हर महीने 40 रूपए का दो लीटर दिया जाता था वो अब ढाई गुना दाम बढ़ा कर 100 रूपए का दो लीटर कर दिया है। हर महीने तकरीबन 46 लाख परीवारों को प्रति कार्डधारक पांच किलो गेहूं, एक किलो चीनी और दो लीटर सरसों का तेल सस्ते दामों पर सरकार की तरफ से दिया जाता है। बीजेपी सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई लगातार बढ़ रही है जिसकी सबसे बड़ी मार मध्यमवर्गीय परिवारों, बीपीएल कार्डधारकों और किसानों को पड़ रही है।

नासिर हुसैन ने कहा कि। बीजेपी के शासन में महंगाई और बेरोजगारी बड़ी तेजी से बढ़ी है। बीजेपी सबसे बड़ी अहसान फरामोश पार्टी है। हैरानी की बात है कि बीजेपी हर बार चुनावों में वोट लेने के लिए भोली भाली जनता से तरह तरह के वादे करती है लेकिन जैसे ही सत्ता हाथ लगती है तो जनता से किए सभी वादों को भूल जाती है। बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री इसी जनता के टैक्स के पैसों से मुफ्त में मिल रही सरकारी सुविधाओं का भरपूर आनंद ले रहे हैं और तोहफे में उसी जनता को बदहाली दे रहे हैं।

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