जिला में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू किया जाना बेहद जरूरी : उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा

– गर्भधारण पूर्व लिंग चयन और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण है एक दंडनीय अपराध।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह| उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के उद्देश्य से जिला में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट) को सख्ती से लागू किया जाना बेहद जरूरी है। संबंधित विभागाध्यक्षों को चाहिए कि वे ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जिला में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू करें। गर्भधारण पूर्व लिंग चयन और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण एक दंडनीय अपराध है। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा शुक्रवार को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट से संबंधित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि लिंगानुपात में सुधार करने के लिए सख्त कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग लिंगानुपात में सुधार के लिए जिला में नियमित रूप से रेड से संबंधित कार्रवाई का अंजाम दें और आरोपियों को पकड़ें। स्वास्थ्य विभाग कम लिंगानुपात वाले गांवों को चिन्हित कर उन गांवों में लिंगानुपात सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए ग्रामीणों को जागरूक एवं प्रेरित करें ताकि जिला के लिंगानुपात में सुधार आए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जिला में पोक्सो व पीएनडीटी एक्ट की सख्ती से पालना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नागरिकों अधिक से अधिक जागरूक किया जाए।
गर्भधारण पूर्व लिंग चयन व प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण कराने पर है कैद व जुर्माने का प्रावधान –
उपायुक्त ने कहा कि इस एक्ट को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए सरकार की ओर से कन्या भ्रूण हत्या करने व करवाने वालों को पकड़वाने पर एक लाख रुपए का इनाम दिया जाता है और सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत पंजीकृत सेंटर संचालक व डॉक्टर द्वारा पहली बार गर्भधारण पूर्व लिंग चयन और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण संबंधी जुर्म करने पर 3 साल की कैद और 10 हजार रुपए जुर्माना तथा इसके उपरांत पुन: जुर्म करने पर 5 साल कैद और 50 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है। पति/परिवार के सदस्य या लिंग चयन के लिए उकसाने वाले व्यक्ति के लिए एक्ट में पहले अपराध पर 50 हजार रुपए तक के जुर्माने के साथ 3 साल तक की कैद तथा इसके उपरांत पुन: अपराध करने पर एक लाख रुपये तक जुर्माने के साथ 5 साल तक की कैद का प्रावधान एक्ट में किया गया है। पीसी पीएनडीटी के नोडल अधिकारी उप-सिविल सर्जन डा. आशिष सिंगला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 2025 में अब तक कुल 3 रेड की हैं तथा पीसी पीएनडीटी के तहत 3 के खिलाफ एफआईआर करा दी गई थी। उन्होंने कहा कि उनकी रेड चालू है और जल्द ही इस वर्ष और अधिक रेड करेगें। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 44 अल्ट्रासाउंड मशीने है, और सभी पर निगरानी रखी जा रही है।
इस अवसर पर एसडीएम नूंह अश्वनी कुमार, एसडीएम फिरोजपुर झिरका लक्ष्मी नारायण, सिविल सर्जन डॉ सर्वजीत सिंह, उप सिविल सर्जन डॉ आशिष सिंगला आदि मौजदू रहे।
फोटो कैप्शन : 1 उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा पीसी पीएनडीटी की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए।