उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक सम्पन्न।

– जिला की 10 गौशालाओं में 4967 पशु।
– किसी भी नागरिक का निजी पशु आवारा घूमने पर पकड़े जाने पर लगाया जाएगा पहली बार 5000 रुपए जुर्माना तथा दूसरी बार पकड़े जाने पर लगाया जाएगा 11000 रुपए का जुर्माना।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह |उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में पशु क्रूरता निवारण समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।
उपायुक्त ने पशुओं के साथ हो रही क्रूरता को रोकने, संबंधित कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन और जन जागरूकता बढ़ाने पर जोर देते हुए बताया कि जिला में 10 गौशालाएं हैं जिनमें 4967 पशु हैं। श्री चेतन दास गोवर्धन संस्थान संगेल में 2016 है । श्री दयानंद गौशाला समिति बडोजी में 185 पशु हैं । वीर भगत सिंह गौशाला कीरा में 398 पशु हैं । जय नारायण गोधाम बरोटा में 116 पशु हैं ।श्री गोवर्धन गौशाला आटा में 170 पशु हैं । कामधेनु गोधाम बिस्सर अकबरपुर में 204 पशु हैं । मेवात क्षेत्र गौशाला समिति फिरोजपुर झिरका में 748 पशु हैं । महर्षि दयानंद अर्ष गौशाला मरोड़ा में 244 पशु हैं । श्री श्याम गिरी गौशाला समिति ढ़िढ़ारा में 252 पशु हैं तथा दादा सांवलिया गोधाम सेवा समिति जोरासी में 307 पशु हैं ।इसके अलावा श्री चेतन दास गोस्वर्धन संस्थान संगेल में 300 पशु और भेजे जा सकते हैं व वीर भगत सिंह गौशाला कीरा में 100 पशु भेजे जा सकते हैं तथा मेवात क्षेत्र गौशाला समिति फिरोजपुर झिरका में 300 पशुओं को और भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला में अगर किसी भी स्थान पर आवारा पशु घूमते हुए दिखाई देते हैं तो उन्हें तुरंत जिला की गौशाला में भेजा जाए।
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह सभी अपने-अपने कार्य क्षेत्र में ढेर सारा पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाएं तथा पकड़े गए पशुओं गोवंश को नजदीकी गौशाला में भेजकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का पहली बार पशु पकड़े जाने पर 5000 रुपए तथा दूसरी बार पकड़े जाने पर 11000 रुपए जुर्माना लगाया जाए जो जुर्माना 15 दिनों के अंदर-अंदर पशुओं को छोड़ने की एवज में निर्धारित किया गया है तथा यह जुर्माना संबंधित गौशाला के पक्ष में देय होगा।
उन्होंने कहा कि जिले में अवैध पशु परिवहन, स्लॉटर हाउस में नियमों की अनदेखी तथा आवारा पशुओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्ती से कार्यवाही की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि पशु क्रूरता (निवारण) अधिनियम, 1960 के तहत किसी भी प्रकार की क्रूरता को गंभीर अपराध माना जाता है। इस संबंध में आमजन को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाएं। साथ ही, पशु कल्याण संगठनों की सहायता से पशुओं के लिए चिकित्सा शिविरों और देखभाल केंद्रों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी तय किया गया कि पशु परिवहन के समय उनके खानपान, ठहराव और देखभाल के सभी मानकों का पालन अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। इसके लिए चेकिंग टीमों का गठन किया जाएगा जो समय-समय पर निरीक्षण करेंगी। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा और पशुओं के प्रति संवेदनशील व्यवहार को समाज में बढ़ावा देने का आह्वान किया।
बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों, पशु कल्याण संगठनों, पशु चिकित्सकों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।