बाल श्रम एवं बंदुआ मजदूरी के उन्मूलन हेतु जिला प्रशासन की सख्ती।

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बाल श्रम एवं बंदुआ मजदूरी है कानूनन अपराध : विश्राम कुमार मीणा 

– दोषियों के विरुद्ध की जाएगी कठोर कार्रवाई।

City24news/अनिल मोहनिया

नूंह |जिला उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित बाल श्रम एवं बंदुआ मजदूरी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के लिए बनाई गई जिला टास्क फोर्स की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि

 “बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986” तथा “बंधुआ मजदूरी (उन्मूलन) अधिनियम, 1976” के तहत कानूनन प्रतिबंधित इन प्रथाओं के खिलाफ जिले में जागरूकता अभियान चलाया जाए तथा निगरानी एवं प्रवर्तन तंत्र को और अधिक सुदृढ़ किया जाए।

उपायुक्त ने बताया कि जिले में सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमित निरीक्षण करें, बच्चों से श्रम कार्य लेने वाले प्रतिष्ठानों की पहचान करें और उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसके साथ ही बंदुआ मजदूरी जैसी अमानवीय प्रथाओं को समाप्त करने के लिए भी विशेष दल गठित कर अभियान चलाया जाए।

उन्होंने कहा कि जिला श्रम विभाग जिला में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर जहां पर भी बाल श्रमिक कार्यकर्ता हुआ पाया जाए उनको मुक्त कर उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। इन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सामाजिक कल्याण विभाग एवं शिक्षा विभाग का सहयोग लिया जाए।

उपायुक्त ने कहा कि बचपन किसी बोझ का नाम नहीं, बल्कि सपनों की उड़ान का आधार है। इस संकल्प के साथ जिला के प्रत्येक नागरिक से अपील है कि वे बाल श्रम और बंदुआ मजदूरी के विरुद्ध आवाज उठाएं। यदि किसी स्थान पर ऐसी गतिविधियाँ दिखाई दें, तो तुरंत नजदीकी प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस विभाग या चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दें।

उपायुक्त ने कहा कि बाल श्रम एवं बंदुआ मजदूरी कानूनन अपराध है और इसके दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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