महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के विरुद्ध जागरूकता शिविर का आयोजन

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– एडीआर सेंटर में सीजेएम नेहा गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित हुआ शिविर 
– कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा एवं सुरक्षा से संबंधित गंभीर मुद्दों पर विचार-विमर्श

City24news/अनिल मोहनिया2
नूंह  | सुशील कुमार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नूंह के निर्देशानुसार नेहा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नूंह की अध्यक्षता में नूंह के एडीआर परिसर में महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न उसकी गरिमा का सम्मान करें, छेड़छाड़ और बदमाशी के खिलाफ एक अभियान के विषय पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर विशेष रूप से न्यायलय महिला कर्मचारी, महिला अधिवक्ताओं के लिए आयोजित किया गया। 

  शिविर का विषय था “महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न: उसकी गरिमा का सम्मान करें छेड़छाड़ और बदमाशी के विरुद्ध एक अभियान”। यह कार्यक्रम विशेष रूप से न्यायालय की महिला कर्मचारियों एवं महिला अधिवक्ताओं के लिए आयोजित किया गया, जिसमें कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा एवं सुरक्षा से संबंधित गंभीर मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। 

  मुख्य वक्ता के रूप में नेहा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नूंह ने यौन उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार महिलाएं अपने अधिकारों की रक्षा कर सकती हैं और उत्पीड़न की स्थिति में क्या कानूनी सहारा लिया जा सकता है। कार्यक्रम में दुर्गा शक्ति टीम ने भी भाग लिया एवं महिला सुरक्षा से संबंधित सरकारी योजनाओं, त्वरित सहायता प्रणाली एवं पुलिस सहयोग की जानकारी दी। 

  शिविर के दौरान प्रतिभागियों ने विषय से जुड़ी जानकारियों में गहरी रुचि दिखाई और संवादात्मक सत्र में अपने विचार एवं अनुभव भी साझा किए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था, बल्कि यौन उत्पीड़न, महिलाओं की गरिमा का सम्मान, छेड़छाड़ और बदमाशी के खिलाफ और एक सुरक्षित, सम्मानजनक और समान वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी था।

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