अधिकारी एवं कर्मचारियों के अभाव में कनीना का ब्लाक एग्रीकल्चर ऑफिस रामभरोसे

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-दो साल से बीएओ डेपूटेशन पर सात साल से नहीं हैं आठ एडीओ
-एचकेआरएन के कर्मचारी समझ रहे व्यवस्था
-किसानों को केंद्र एवं प्रदेश की किसान कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने में आ रही दिक्कत
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना की नयी आनाज मंडी चेलावास में बने नव निर्मित भवन में संचालित कृषि विभाग का कार्यालय बिना अधिकारी कर्मचारियों के रामभरोसे चल रहा है। जिससे सबसे बडा नुकसान केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में क्रियान्वित की गई कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी समय पर नहीं मिल पा रही है वहीं फसल कटिंग व बुकिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है। किसानों को फसल खराबा के संदर्भ में रिपोर्ट देने तथा पीएम किसान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए धक्के खाने पड रहे हैं। मिट्टी-पानी की जांच लैब कनीना में नहीं होने से किसानों को महेंद्रगढ के चक्कर लगाने पड रहे हैं। कहने को तो यहां पर ब्लाक एग्रीकल्चर आॅफिसर संदीप कुमार नियुक्त हैं लेकिन निदेशक कृषि एवं कल्याण विभाग पंचकूला की ओर से पिछले दो साल से भूमि संरक्षण कार्यालय पटौदी में बतौर एडीओ के पद पर डेपुटेशन पर भेज दिया गया है। दूसरी ओर कृषि विभाग का कार्यालय नए भवन में स्थानांतरित हुए सालभर हो गया है लेकिन भवन पर आज तक कार्यालय सम्बंधी कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है। जिससे अधिकांश किसान कृषि कार्यालय पंहुचने से पहले ही वापिस लौट जाते हैं।  
इस बारे में विषय विशेषज्ञ डाॅ योगेश यादव ने बताया कि कनीना के कृषि कार्यालय में ब्लाक एग्रीकल्चर आॅफिसर की पोस्ट पिछले दो साल से रिक्त पडी है वहीं एडीओ के आठ पद स्वीकृत हैं जिनमेें पिछले सात साल से एक एडीओ से काम चलाया जा रहा था उसका भी एक वर्ष पूर्व स्थानांतरण कर दिया गया। एडीओ के सभी 8 पद खाली होने के बाद फिल्ड व  कार्यालय के सभी कार्य ठप हो गए। कृषि कार्यालय में 5 चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के पद स्वीकृत हैं जिनमें से 2 पद खाली पडे हैं।
उन्होंने बताया कि केंद सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए लाॅंच की गई आत्मा स्कीम के तहत सहायक तकनीकी प्रबंधक के तीन पद स्वीकृत हैं जिनमें एक कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर जिला कृषि कार्यालय नारनौल में कार्यरत है। इसी प्रकार कृषि पर्यवेक्षक के रूप में 9 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 3 पद रिक्त हैं। इनका कार्य गांव-गांव खेतों में मौके पर जाकर फसल कटाई व फसल पैदावार का आंकलन की रिपोर्ट तैयार कर कृषि उपनिदेशक कार्यालय में भेजने का है।
दिलचस्प बात है कि कृषि कार्यालय में कार्यरत उपरोक्त अधिकांश 5-6 कर्मचारी कांटेक्ट बेस, एचकेआरएन के तहत लगे हुए हैं। इन कर्मचारियों के भरोसे ही कनीना में ब्लाक स्तर का कृषि कार्यालय संचालित हो रहा है। जिस पर किसानों सत्यवीर सिंह रामबास, वेदप्रकाश ढाणा, प्रेमसिंह मोहनपुर, नरेंद्र कुमार छितरोली, प्रताप सिंह उन्हाणी ने प्रदेश सरकार से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कार्यालय कनीना में सभी पदों पर नियुक्ति करने की मांग की है।
इस बारे में कृषि विभाग के एसडीओ डाॅ अजय यादव ने बताया कि एचकेआरएन के कर्मचारियों के माध्यम से किसानों को सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा उच्च अधिकारियों को बीएओ, एडीओ सहित अन्य पदों को भरने के लिए कई बार पत्र लिखा गया है।

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