बाल विवाह जैसी कु प्रथा को रोकने के लिए हमारी पंचायतें निभा सकती हैं विशेष भूमिका: उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा

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– 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह है अवैध
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | बाल विवाह करने के खिलाफ चल रही जागरूकता मुहीम के तहत शुक्रवार को उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा के मार्गदर्शन में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि “बाल विवाह न केवल एक सामाजिक बुराई है, बल्कि यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में भी गंभीर बाधा उत्पन्न करता है। इस पर रोकथाम के लिए समाज, सरकार और संस्थाओं को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसी कु प्रथा को रोकने के लिए हमारी पंचायतें विशेष भूमिका निभा सकती हैं यदि किसी गांव में बाल विवाह जैसी जानकारी सामने आती है तो यह उसे गांव के सरपंच का नैतिक दायित्व बनता है कि उसे तुरंत रुकवांए और इसकी सूचना तुरंत जिला प्रशासन को दें।

उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह अवैध माना गया है। इसके तहत बाल विवाह कराने वालों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि “बाल विवाह केवल एक सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि यह बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को भी बाधित करता है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन के अन्य अवसरों को प्रभावित करता है। हम सभी को मिलकर इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए कदम उठाने होंगे।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन समाज की जागरूकता और सहयोग के बिना इसे खत्म करना मुश्किल है। बच्चों का शिक्षा प्राप्त करना, उनका मानसिक और शारीरिक विकास सुनिश्चित करना, समाज की जिम्मेदारी है। जब तक समाज बाल विवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ जागरूक नहीं होगा, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता।

उपायुक्त ने बैठक में कहा कि बाल विवाह एक गंभीर समस्या है, जो समाज के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बाल विवाह को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए की यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी प्रिंटिंग प्रैस पर बिना आयु प्रमाण पत्र के शादी के निमंत्रण पत्र न छपें।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक, जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी मधू जैन, महिला एवं बाल विकास अधिकारी मीरा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी आबिद हुसैन सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।

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