पृथ्वी दिवस के उपलक्ष में जीडीसी महाविद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

City24news/सोनिका सूरा
सिवानी। बहल बीआरसीएम शिक्षण संस्थान के जीडीसी महाविद्यालय में आज भूगोल विभाग की ओजोन सेल और महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में *पृथ्वी दिवस- 2025* के उपलक्ष्य में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्षता डॉक्टर एसके सिन्हा प्राचार्य जीडीसी महाविद्यालय एवं निदेशक बीआरसीएम शिक्षण संस्थान ने की।
कार्यक्रम का संचालन डॉ अशोक कुमार एनएसएस, कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया गया उन्होंने कार्यक्रम में सभी स्वागत करते हुए पृथ्वी दिवस की मेहता और भारतीय ज्ञान परंपरा में पृथ्वी संरक्षण एवं पर्यावरण हेतु बताए गए उपचार की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को व्यक्त किया और वैदिक परंपरा में पर्यावरण संरक्षण के पहलुओं से अवगत करवाया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की भूमिका में श्री हिमांशु ग्रोवर विभाग अध्यक्ष भूगोल विभाग रहे जिन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि पृथ्वी दिवस- 2025 की थीम “हमारी शक्ति, हमारा ग्रह” है उन्होंने बताया कि यह थीम इस ओर संकेत करती है कि स्थायी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाकर ही हम एक समृद्ध और सुरक्षित भविष्य की नींव रख सकते हैं। यह थीम सरकार, संस्थाओं और समाज के प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सामूहिक ज़िम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करती है। हिमांशु ग्रोवर ने एक पावर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से पृथ्वी दिवस के इतिहास, इसके महत्व और आज की आवश्यकता पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पृथ्वी दिवस की शुरुआत 1970 में अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन द्वारा पर्यावरण शिक्षा के रूप में की गई थी और आज यह 200 के लगभग देशों में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. एस. के. सिन्हा ने विद्यार्थियों और उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी दिवस केवल एक दिवस नहीं बल्कि एक चेतना है, जो हमें प्रकृति के प्रति हमारे उत्तरदायित्वों की याद दिलाती है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग से हम एक स्वस्थ, समतामूलक और टिकाऊ समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। साथ ही उन्होंने वर्तमान समय में हो रहे संसाधनों के अति दोहन और जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को रेखांकित करते हुए यह अपील की कि पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत हमें अपने घर-परिवार से ही करनी होगी।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग इतिहास एवं भूगोल और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा उत्साहपूर्वक भाग लिया। छात्र नवीन ने पृथ्वी दिवस की प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जबकि छात्राओं पूजा, अनुजा, कौशल्या और काजल ने प्रेरणादायक भाषणों और कविताओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के समापन के उपरांत महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण अभियान चलाया गया, जिसमें विद्यार्थियों एवं शिक्षकगण ने मिलकर विभिन्न पौधे लगाए। इसके साथ ही गर्मी के मौसम में पक्षियों के जीवन रक्षा हेतु महाविद्यालय परिसर में अनेक स्थानों पर पानी के पत्र स्थापित करवाए गए। इस आयोजन ने सभी प्रतिभागियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और संरक्षण के प्रति उत्तरदायित्व की भावना को और अधिक सुदृढ़ किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी विभागों के शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।