अनुसूचित जाति के बेरोजगारों के आर्थिक उत्थान के लिए मत्स्य पालन विभाग द्वारा दिया जा रहा है विशेष अनुदान: डीसी

City24news/ब्यूरो
गुरुग्राम | डीसी अजय कुमार ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के लिए वेलफेयर ऑफ शैड्यूल कास्ट फैमिली अंडर फिशरीज सेक्टर स्पेशल कॉम्पोनेंट योजना के अंतर्गत अनुदान के रूप मे वित्तीय सहायता दी जा रही है। इसमें अनुसूचित जाति के व्यक्ति को मछली पालन के लिए पंचायती तालाब पटृट्टे पर लेने के लिये प्रथम वर्ष पट्टा राशि पर पचास हजार रुपये प्रति हैक्टेयर अथवा पट्टे की वास्तविक राशि का 50 प्रतिशत का अनुदान प्रदान किया जाता है। वहीं द्वितीय एवं आगामी वर्षों की पट्टा राशि पर 40 प्रतिशत या अधिकतम 40,000 /- रूपये प्रति हैक्टेयर अधिसूचित पानियों में से मछली पकड़ने के लिये ठेकेदारों को स्वीकृत बोली का 50 प्रतिशत अथवा 5,00,000/- रू० अधिकतम सीमा तक रेहड़ी (स्टोव / गैस, चूल्हा, बर्तन आदि सहित) पर 60,000/- रूपये की रेहड़ी खरीद पर 60 प्रतिशत या अधिकतम राशि 36,000/- रूपये प्रति लाभार्थी, खाद-खुराक पर कुल लागत रूपये 1,50,000/- हैक्टेयर का 60 प्रतिशत या धनराशि 90,000/- हैक्टेयर जो भी कम हो, मछली पालन हेतू 40,000/-रू के जाल खरीद पर 60 प्रतिशत या धनराशि 24,000/- रूपये का प्रति लाभार्थी, जो भी कम हो, अनुदान दिया जाएगा।
जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि इन्टसिंव स्कीम के अंतर्गत विभाग द्वारा तालाब सुधार, खाद-खुराक, रेहड़ी व जाल खरीदने के साथ-साथ मत्स्य पालन के लिए सोलर सिस्टम लगाने पर 40 से 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। राज्य स्तर पर मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत मत्स्य पालन की विभिन्न गतिविधियों पर मत्स्य पालकों को अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत मीठे पानी के मत्स्य पालन के लिए नया तालाब बनाने व खाद-खुराक पर अधिकतम खर्च 11 लाख, खारे पानी मछली पालन के लिए नया तालाब बनाने व खाद-खुराक पर अधिकतम खर्च 14 लाख पर 40 प्रतिशत सामान्य वर्ग व 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति व महिलाओं के लिए अनुदान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की अन्य गतिविधियां जैसे कॉल्ड स्टोर, फिड मील, रेफ्रिजेरेटेड व्हीकल मोटर साईकिल व आईस बॉक्स, साईकिल व आईस बॉक्स बायोफ्लोक व आर.ए.एस. इकाई की स्थापना इत्यादि पर भी 40 प्रतिशत सामान्य वर्ग व 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति व महिलाओं के लिए अनुदान की व्यवस्था की गई है। मत्स्य पालक भली प्रकार मछली पालन का कार्य कर सके इसके लिये विभाग द्वारा मत्स्य पालन का प्रशिक्षण दिया जाता है। राज्य की स्कीम अनुसार लाभार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष हरियाणा राज्य का स्थाई निवासी, बेरोजगार व सरकारी संस्था से मत्स्य पालन में प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। किसी भी मद मे लाभ प्राप्ति हेतु आवेदन सरल पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
प्रवक्ता ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग द्वारा जिला स्तर पर 30 अप्रैल 2025 तक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मत्स्य विभाग की अधिक से अधिक स्कीमों का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। मत्स्य पालन से जुड़ी किसी भी योजना के विषय में अधिक जानकारी व अपना प्रार्थना पत्र देने के लिए लघु सचिवालय स्थित तीसरी मंजिल के कमरा नम्बर 297-298 में जिला मत्स्य अधिकारी एंव मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य किसान विकास एजैन्सी के कार्यालय अथवा उपरोक्त विभाग के दूरभाष नंबर 0124-2300115 पर संपर्क कर सकते हैं।