शारीरिक एवं मानसिक सेहत पर गंभीर प्रभाव डालता है बाल विवाह: हेमा कौशिक

राजकीय माध्यमिक विद्यालय बल्लभगढ़ में बाल विवाह न करने की दिलाई शपथ
समाचार गेट/संजय शर्मा
फरीदाबाद। देश में बाल विवाह की घटनाओं पर अंकुश लगाने और लोगों को इस परंपरा के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों कि पालना करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) साहिल गुप्ता के मार्गदर्शन में जिला के सरकारी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को बाल विवाह न करने की शपथ दिलाई गई जिसके तहत राजकीय माध्यमिक विद्यालय बल्लभगढ़ (बाल) और राजकीय माध्यमिक विद्यालय बल्लभगढ़ (कन्या) में जागरूकता कार्यक्रम चलाकर बाल विवाह न करने के लिए जागरूक किया गया।
इस अवसर पर हेमा कौशिक ने बताया कि बाल विवाह के परिणामस्वरूप बच्चे अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाते और उनका व्यक्तिगत विकास रुक जाता है। लड़कियों के मामले में, यह प्रथा उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर गंभीर प्रभाव डालती है। कम उम्र में मां बनने से जच्चा-बच्चा दोनों के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बाल विवाह घरेलू हिंसा, शोषण, और गरीबी के दुष्चक्र को भी बढ़ावा देता है। बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए शिक्षा और जागरूकता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, और परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना इस समस्या का प्रभावी समाधान हो सकता है। इसके अलावा, सामुदायिक सहभागिता और परंपरागत मान्यताओं में बदलाव लाना भी जरूरी है।
इस अवसर पर स्कूली छात्र, अध्यापक और संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।