सम्पूर्ण देश व विश्व के कल्याण की भावना के साथ की कन्याओं की पूजा अर्चना

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-कंजक पूजन के लिए बजती रही मोबाइल की घंटीया
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | चैत्ररिय नवरात्रि नोमी को मां दुर्गा के प्रतिबिम्ब के रुप मे कंजकों का विधि विधान से पूजन किया गया। पूजन करने वाले भक्तजन कन्याओं की कमी की वजह से कंजक पूजन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से चेहरों पर पीड़ा परेशानी स्पष्ट झलक रही थी। कंजक पूजन करने वाले मोबाइल फोन से सम्पर्क कर एक दूसरे को कंजकों के लिए फोन करते नजर आए।जिसकी वजह से दिन भर मोबाइल की घंटियां धना धन बजती रही। समाजसेवी बुजुर्ग पुरोधा महावीर प्रसाद नंबरदार  

व पंडित नंदकिशोर शर्मा नगीना ने बताया की नवरात्रि में कन्याओं के पूजन का अपना अत्याधिक विशेष महत्त्व है वैसे तो नवरात्रि के प्रत्येक दिन कंजकों का विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए। लेकिन नवरात्रि में अष्टमी व नवमी(नोमीं) में कन्याओं का पूजन श्रेष्ठ बताया गया है । कुछ श्रद्धालु अष्टमी पर कन्याओं का पूजन करते हैं तो कुछ श्रद्धालु नवमी पर कन्याओं का पूजन करते हैं। इस दिन उपवास रखने वाले श्रद्धालु कंजकों का पूजन व भोग लगा कर अपने उपवास का पारण(पूर्ण) करते हैं ।नवरात्रि में भक्तजन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की भक्ति भाव से पूजा,अर्चना, उपासना करते हैं ।नौ कन्याओं को नौ देवियों का प्रतिबिंब मानकर उनकी विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। अंत में कन्याओं के पैर छूकर उन्हें उपहार भेंट करते हैं तथा उनसे आशीर्वाद प्राप्तकर,देश व विश्व के सम्पूर्ण कल्याण की भावना के साथ, सुख,शान्ति, समृद्धि, उन्नति,खुशहाली की कामना की प्रार्थना करते है।कन्याओं की कमी की वजह से कन्या पूजन को लेकर श्रद्धालु कन्याओं के पूजन के लिए इधर उधर भटकते नजर आए ।समाजसेविका राधिका जैन ने बताया बताया की कन्याओं को,सुशिक्षित, संस्कारवान,विवेकशील, आत्मनिर्भर ,स्वावलंबी, बनाना चाहिए। कन्या के शिक्षित होने से एक नहीं दो परिवार रोशन होते हैं इसलिए लड़कियों को अवश्य पढ़ाये लिखाये, इसके लिए आपको अपने घर के खर्चों में कटौती क्यों ना करनी पड़े।यही माँ शक्ति की सच्ची भक्ति होगी। माता रानी की सच्ची आराधना भी तभी साकार होगी। माता रानी भी प्रशन्न होगी।

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