हर्ष उल्लास के साथ मनाया होली का पर्व

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– महिलाएं गीत गाते हुए पारंपरिक वेशभूषा में पहुंची होलिका दहन स्थल तक
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | बृहस्पतिवार को क्षेत्र में होली का त्यौहार बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया | महिलाओं व बच्चों ने नए वस्त्र आभूषण पहन कर होली का पूजन किया | महिलाएं पारंपरिक रूप से गीत गाती हुई होली का दहन स्थल पर पहुंची |
गुढ़ा वासी महिला विमला देवी ने कहा कि होलिका दहन की कहानी भक्त प्रहलाद और असुर राजा हिरण्यकश्यप से जुड़ी हुई है | इस कहानी के मुताबिक, हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद ली थी | हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में सभी को यह आदेश दिया था कि कोई भी ईश्वर की पूजा नहीं करेगा | बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु के परम भक्त था |
हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को कई बार कष्ट देना चाहा, लेकिन भगवान विष्णु ने हर बार प्रहलाद का साथ दिया | कहा जाता है कि
असुर राजा की बहन होलिका को भगवान शंकर से ऐसी चादर मिली थी जिसे ओढ़ने पर अग्नि उसे जला नहीं सकती थी। होलिका उस चादर को ओढ़कर प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता पर बैठ गई। दैवयोग से वह चादर उड़कर प्रह्लाद के ऊपर आ गई, जिससे प्रहलाद से सकुशल बच गया ओर होलिका जलकर भस्म हो गई | इसी घटना को याद करते हुए हर साल होलिका दहन किया जाता है | इस मौके पर महिला बबली, भारती, साक्षी, कशिश, मयंक, रत्नेश सहित अन्य महिलाएं उपस्थित थी|
फोटो कैप्शन-